Coronavirus की जद में दिल्ली, 24 घंटे में करीब 26 हजार नए मामले, 368 मरीजों की मौत

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोनावायरस (Coronavirus Cases in Delhi) के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पिछले 24 घंटों में COVID-19 के 25,986 नए मामले सामने आए हैं.

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दिल्ली में एक्टिव मामलों की संख्या 1 लाख के करीब पहुंच गई है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोनावायरस (Coronavirus Cases in Delhi) के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पिछले 24 घंटों में COVID-19 के 25,986 नए मामले सामने आए हैं. इस दौरान 368 मरीजों की मौत हुई है. पॉजिटिविटी रेट करीब 32 फीसदी हो गया है. दिल्ली में एक्टिव मामलों की संख्या 1 लाख के करीब पहुंच चुकी है, जो अब तक सबसे ज्यादा है. दिल्ली में कोविड संक्रमण से अब तक करीब 15 हजार लोगों की जान गई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि दिल्ली में 10 मई तक अतिरिक्त 1200 आईसीयू बिस्तर होंगे.

CM अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 500 आईसीयू बिस्तरों का केंद्र रामलीला मैदान में बनेगा, जबकि इतनी ही क्षमता का एक और केंद्र जीटीबी अस्पताल के पास स्थापित किया जाएगा. इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दोनों स्थलों का मुआयना किया और तैयारियों का जायजा लिया.

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उन्होंने कहा कि दिल्ली के छतरपुर में राधा स्वामी सत्संग ब्यास में 200 आईसीयू बिस्तर तैयार किए जा रहे हैं. केजरीवाल ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “देखा गया है कि मौजूदा लहर खतरनाक है. यह काफी संक्रामक है और जो इसके संपर्क में आ रहे हैं, वे उस तरह से तेजी से उबर नहीं पा रहे हैं, जैसा पिछली लहर में देखने को मिला था.”

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वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड उपचार प्रोटोकॉल में परिवर्तन, आवंटित ऑक्सीजन की पूरी तरह आपूर्ति नहीं होने पर बुधवार को नाराजगी जताई. अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र चाहता है कि ‘‘लोग मरते रहें'' क्योंकि कोविड-19 के उपचार में रेमडेसिविर के इस्तेमाल को लेकर ‘परिवर्तित' प्रोटोकॉल के मुताबिक केवल ऑक्सीजन पर आश्रित मरीजों को ही यह दवा दी जा सकती है.

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न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने केंद्र सरकार से कहा, ‘‘यह गलत है. ऐसा लगता है दिमाग का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं हुआ है. अब जिनके पास ऑक्सीजन की सुविधा नहीं है, उन्हें रेमडेसिविर दवा नहीं मिलेगी. ऐसा प्रतीत होता है कि आप चाहते हैं लोग मरते रहें.''

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केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि प्रोटोकॉल के तहत ऑक्सीजन पर आश्रित मरीजों को ही अब रेमडेसिविर दवा दी जा रही है. उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘रेमडेसिविर की कमी की भरपाई के लिए प्रोटोकॉल नहीं बदलें. यह गलत है. इससे डॉक्टर रेमडेसिविर दवा नहीं लिख पाएंगे. यह सरासर कुप्रबंधन है.''

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दिल्ली को रेमडेसिविर के आवंटन पर केंद्र ने अदालत को बताया कि आवंटित 72,000 दवाओं में 52,000 शीशियां 27 अप्रैल तक राष्ट्रीय राजधानी भेजी गईं.  केंद्र ने कहा कि राज्य के संक्रमण के उपचाराधीन मामलों के हिसाब से दवा का आवंटन किया जा रहा है. अदालत ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि एक सांसद ने दिल्ली से रेमडेसिविर की 10,000 शीशियां हासिल कर लीं और उसे निजी विमान से महाराष्ट्र में अहमदनगर ले गए और वहां पर उसका वितरण किया.

केंद्र ने कहा कि आगामी दिनों में उत्पादन बढ़ने से आवंटन बढ़ाया जाएगा. अदालत कोविड-19 से संक्रमित एक वकील की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. उन्हें रेमडेसिविर की छह खुराकों में केवल तीन खुराकें ही मिल पाई थीं. अदालत के हस्तक्षेप के कारण वकील को मंगलवार (27 अप्रैल) रात बाकी खुराक मिल गईं. महामारी के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल कई याचिकाओं पर अलग-अलग पीठें सुनवाई कर रही हैं.

उच्च न्यायालय ने बुधवार को नागरिकों से अपील की कि ऑक्सीजन सिलेंडर और कोविड-19 रोगियों के उपचार में काम आने वाली दवाओं की जमाखोरी न करें, जिससे कृत्रिम कमी से बचा जा सके और जरूरतमंदों को यह सुलभ हो सकें.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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