दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) को लेकर सभी दलों की तरफ से तैयारी जारी है. आम आदमी पार्टी ने सभी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस ने भी 2 लिस्ट जारी कर दिया है. वहीं बीजेपी की तरफ से अभी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं हुआ है. सूत्रों के अनुसार बीजेपी दिल्ली विधानसभा चुनाव में सहयोगी दलों के साथ चुनाव मैदान में उतर सकती है. एनडीए की ताक़त दिखाने की रणनीति पर बीजेपी काम कर रही है. जानकारी के अनुसार साझा चुनाव प्रचार भी करने की रणनीति बनायी गयी है.
बीजेपी कुछ सीटें अपने सहयोगी दलों को दे सकती है. जेडीयू, लोक जनशक्ति पार्टी और जीतन राम मांझी की हम की तरफ से दिल्ली में सीटों की मांग की गयी है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दो सीटें जेडीयू और एक सीट लोक जनशक्ति पार्टी को दी थी.
एनडीए की बैठक में दिल्ली चुनाव की हुई चर्चा
बुधवार को एनडीए की बैठक में दिल्ली विधानसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा हुई.जहां हरियाणा और महाराष्ट्र की जीत के लिए बधाई भी दी गई, वहीं झारखंड का भी जिक्र हुआ जहां एनडीए के घटक दलों ने मिल कर चुनाव लड़ा था. हालांकि एनडीए को हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी ने सहयोगी दलों के शीर्ष नेताओं को दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए आमंत्रित किया है. सूत्रों के अनुसार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान आदि दिल्ली में एनडीए के लिए प्रचार कर सकते हैं.
बीजेपी की क्या है रणनीति?
- बीजेपी एनडीए को एकजुट कर दिल्ली में आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर देना चाहती है.
- पूर्वांचली वोटर्स का दिल्ली की 20 सीटों पर अच्छी पकड़ रही है.
- बीजेपी चिराग पासवान, नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी को चुनाव प्रचार में उतार सकती है.
- दक्षिण भारतीय और मराठी वोटर्स को साधने के लिए एकनाथ शिंदे और चंद्रबाबू नायडु कर सकते हैं प्रचार.
- बिहार, पूर्वी यूपी और झारखंड मूल के करीब 25 प्रतिशत मतदाता दिल्ली में हैं.
- दिल्ली में करीब 30 लाख दक्षिण भारतीय रहते हैं. इनमें करीब 8-9 लाख तेलुगु भाषी हैं.
करीब 20 सीटों पर दबदबा है
पूर्वांचली वोटर्स का दिल्ली की 20 सीटों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है. गोकलपुर, मटियाला, द्वारका, नांगलोई, करावल नगर, जनकपुरी, त्रिलोकपुरी, बुराड़ी, उत्तम नगर, संगम विहार, जनकपुरी, त्रिलोकपुरी, किराड़ी, विकासपुरी व समयपुर बादली जैसी सीटें शामिल हैं. इनके अलावा मराठी और तेलुगु भाषी वोटरों पर शिंदे और नायडू जोर लगा सकते हैं. दिल्ली में करीब 30 लाख दक्षिण भारतीय रहते हैं. इनमें करीब 8-9 लाख तेलुगु भाषी हैं.
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