अमेरिका में स्टेबलकॉइन्स को मिली फाइनेंशियल सिस्टम में जगह

स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं

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स्टेबलकॉइन इश्यू करने वालों को नियमित तौर पर ऑडिट कराने की जरूरत होगी

अमेरिका में एक स्पेशल फ्रेमवर्क प्रस्तुत किया गया है, जिसका मकसद स्टेबलकॉइन्स की ट्रांसपेरेंसी और सिक्योरिटी को बढ़ाना है. इसे ट्रस्ट एक्ट कहा जा रहा है. इतना ही नहीं, अमेरिका में स्टेबकॉइन्स को बैंकिंग और फाइनेंशियल सिस्टम में आधिकारिक तौर पर शामिल किए जाने का फैसला भी ले लिया गया है. ऐसा करने वाला यह पहला पश्चिमी देश होगा. ट्रस्ट एक्ट का लक्ष्य स्टेबलकॉइन्स को रेगुलेट करना है जिससे प्रति दिन होने वाली पेमेंट्स में इनका इस्तेमाल बढ़ाया जा सके. 

स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं. ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है. USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़े हैं. सीनेटर Patrik Toomey की ओर से प्रस्तुत किए गए ट्रस्ट एक्ट के अनुसार, स्टेबलकॉइन इश्यू करने वालों को एक लाइसेंस लेना होगा जिससे वे वैध फाइनेंशियल एंटिटी बन जाएंगे. इस लाइसेंस के लिए कंट्रोलर ऑफ द करेंसी (OCC) या इसके समान रेगुलेटर के पास आवेदन करना होगा. 

इसके अलावा स्टेबलकॉइन इश्यू करने वालों को नियमित तौर पर ऑडिट कराने की भी जरूरत होगी. इसके पास एसेट रिडेम्प्शन पॉलिसी का एक स्पष्ट स्ट्रक्चर होना चाहिए. ट्रस्ट एक्ट में कहा गया है कि स्टेबलकॉइन इश्यू करने वालों को उस एसेट के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी जिससे उनका स्टेबलकॉइन जुड़ा है. ट्रस्ट एक्ट से जुड़े दस्तावेज में डॉलर से जुड़े स्टेबलकॉइन्स को विशेषतौर पर पेमेंट स्टेबलकॉइन्स बताया गया है. यह एक्ट केवल इन पेमेंट स्टेबलकॉइन्स के लिए ही लागू होगा. कमोडिटीज या वर्चुअल करेंसीज से जुड़े स्टेबलकॉइन्स पर इस एक्ट का असर नहीं होगा.

क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है. इसका इस्तेमाल अक्सर ट्रेडर्स की ओर से फंड भेजने के लिए किया जाता है. प्रमुख स्टेबलकॉइन्स को बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक्सचेंज करना आसान है. हाल के महीनों में स्टेबलकॉइन्स के नए वेरिएंट गोल्ड कॉइन्स की लोकप्रियता बढ़ी है. गोल्ड कॉइन्स के साथ गोल्ड की गारंटी होती है और वोलैटिलिटी को कम करने के लिए ये डॉलर से जुड़े होते हैं. इनमें से सबसे बड़ा Pax Gold या PAXG इस वर्ष 7.4 प्रतिशत बढ़ा है और इसके राइवल Tether Gold में लगभग 8 प्रतिशत की तेजी आई है. 

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