ब्रिटेन के पाउंड से जुड़ा स्टेबलकॉइन लॉन्च करने की तैयारी में Tether

इस ऑल्टकॉइन का सिंबल GBPT होगा। यह शुरुआत में Ethereum ब्लॉकचेन पर बेस्ड होगा. इसके लिए बाद में अन्य ब्लॉकचेन नेटवर्क्स की सपोर्ट भी जोड़ी जा सकती है

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USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं

स्टेबलकॉइन प्रोजेक्ट Tether उन सामान्य करेंसीज की लिस्ट को बढ़ा रहा है जिन्हें उसके क्रिप्टो दर्जे के साथ जोड़ा जा सकता है. इसी कड़ी में Tether अगले महीने ब्रिटेन की करेंसी पाउंड से जुड़ा एक स्टेबलकॉइन लॉन्च करेगा. इस ऑल्टकॉइन का सिंबल GBPT होगा. यह शुरुआत में Ethereum ब्लॉकचेन पर बेस्ड होगा. इसके लिए बाद में अन्य ब्लॉकचेन नेटवर्क्स की सपोर्ट भी जोड़ी जा सकती है.

Tether से जुड़ी फर्म ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया, "अगले महीने की शुरुआत में ब्रिटिश पाउंड से जुड़े Tether token को लॉन्च किया जाएगा. इसका पाउंड के साथ 1:1 का जुड़ाव होगा." ब्रिटेन ने हाल ही में स्टेबलकॉइन्स को पेमेंट के तरीके के तौर पर अनुमति दी थी. GBPT के साथ ही ब्रिटेन की करेंसी भी ब्लॉकचेन नेटवर्क पर आ जाएगी. यह ब्रिटेन की Web3 से जुड़ी यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. Tether के चीफ टेक्निकल ऑफिसर Paolo Ardoino ने एक स्टेटमेंट में कहा, "ब्लॉकचेन से जुड़े इनोवेशन के लिए ब्रिटेन अगले डेस्टिनेशन है." 

हाल ही में Tether ने एक नए स्टेबलकॉइन के साथ लैटिन अमेरिका के क्रिप्टो मार्केट में एक्सपैंशन किया था. यह स्टेबलकॉइन मेक्सिको के Peso से जुड़ा है. नए टोकन की ट्रेडिंग MXNT टिकर के तहत होगी. इसे शुरुआत में Ethereum, Tron और  Polygon पर सपोर्ट मिलेगा. 

USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़े हैं. क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है. इसका इस्तेमाल अक्सर ट्रेडर्स की ओर से फंड भेजने के लिए किया जाता है. प्रमुख स्टेबलकॉइन्स को बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक्सचेंज करना आसान है. हाल के महीनों में स्टेबलकॉइन्स के नए वेरिएंट गोल्ड कॉइन्स की लोकप्रियता बढ़ी है. गोल्ड कॉइन्स के साथ गोल्ड की गारंटी होती है और वोलैटिलिटी कम करने के लिए ये डॉलर से जुड़े होते हैं. स्टेबलकॉइन्स की ट्रांसपेरेंसी और सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए अमेरिका में एक स्पेशल फ्रेमवर्क प्रस्तुत किया गया है. इसे ट्रस्ट एक्ट कहा जा रहा है. इसके साथ ही अमेरिका में स्टेबकॉइन्स को बैंकिंग और फाइनेंशियल सिस्टम में आधिकारिक तौर पर शामिल किया जा रहा है. ऐसा करने वाला यह पहला पश्चिमी देश होगा. ट्रस्ट एक्ट का लक्ष्य स्टेबलकॉइन्स को रेगुलेट करना है जिससे प्रति दिन होने वाली पेमेंट्स में इनके इस्तेमाल को बढ़ाया जा सके. 
 

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