Solana ने शुरू की 100 मिलियन डॉलर की फंड रेजिंग, दक्षिण कोरियाई स्टार्टअप्स को मदद करेगा

यह फंड गेमिंग, NFT और DeFi से जुड़े स्टार्टअप्स पर जोर देगा. इसके साथ ही Solana इन स्टार्टअप्स को प्रोडक्ट और इंजीनियरिंग से जुड़ी मदद भी करेगी

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Solana इन स्टार्टअप्स को प्रोडक्ट और इंजीनियरिंग से जुड़ी मदद भी देगी

दक्षिण कोरिया के क्रिप्टो स्टार्टअप्स के लिए Solana Ventures और Solana Foundation ने 10 करोड़ डॉलर का एक फंड शुरू किया है. यह फंड गेमिंग, नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) और डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) से जुड़े स्टार्टअप्स पर जोर देगा. इसके साथ ही Solana इन स्टार्टअप्स को प्रोडक्ट और इंजीनियरिंग से जुड़ी मदद भी देगी. 

Solana Foundation के जनरल मैनेजर Johnny B Lee ने एक TechCrunch रिपोर्ट में बताया कि यह फंड मुख्यतौर पर दक्षिण कोरिया में Solana बेस्ड प्रोजेक्ट्स के लिए होगा. यह ऐसे प्रोजेक्ट्स को भी मदद देगा जो पहले Terra पर बेस्ड थे. Lee ने कहा, "दक्षिण कोरिया Web 3 गेम डिजाइनिंग और डिवेलपमेंट में आगे है और हम डिवेलपर्स को उनके आइडिया को वास्तविकता में लाने में मदद करेंगे." 

इससे पहले भी Solana ने कुछ फंड लॉन्च किए हैं. पिछले वर्ष नवंबर में इसने FTX और Lightspeed Venture Partners के साथ मिलकर 10 करोड़ डॉलर का एक गेमिंग फंड बनाया था. इसके बाद Forte और Griffin Gaming Partners के साथ इसने 15 करोड़ डॉलर का एक फंड शुरू किया था. Solana की ट्रांजैक्शंस में इसके जैसे अन्य प्लेटफॉर्म्स की तुलना में बहुत कम एनर्जी का इस्तेमाल होता है. एक रिपोर्ट में Solana ने  में दावा किया था कि उसकी एक ट्रांजैक्शन की तुलना में गूगल की दो सर्च एनर्जी की अधिक खपत करती है. Solana की ट्रांजैक्शंस में एक मोबाइल फोन को एक घंटे तक चार्ज करने से 24 गुना कम एनर्जी का इस्तेमाल होता है. रिपोर्ट में बताया गया था कि Solana की एनर्जी की वार्षिक खपत 3,186,000 किलोवॉट आवर (kWh) की है. Solana की एक ट्रांजैक्शन एनर्जी के 1,837 Joules की खपत करती है जबकि गूगल की दो सर्च में एनर्जी के 2,160 Joules लगते हैं. क्रिप्टो के लिहाज से एक Bitcoin ट्रांजैक्शन एनर्जी के 6,995,592,000 Joules की खपत करती है.

पिछले वर्ष Solana ने अपना बीटा नेटवर्क लॉन्च किया था. इसका क्रिप्टो टोकन SOL है. Solana फाउंडेशन का कहना है कि वह अपनी इलेक्ट्रिसिटी की खपत पर नियमित रिपोर्ट जारी करेगी. इसके साथ ही पर्यावरण के अनुकूल एक्टिविटीज को भी बढ़ावा देगी. बहुत से देशों ने क्रिप्टो एक्टिविटीज में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत को लेकर आशंका जताई है. इस वजह से क्रिप्टो नेटवर्क्स पर नियंत्रण करने की मांग भी उठ रही है. 

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