वित्तीय अपराधों के लिए क्रिप्टो से अधिक हो रहा सामान्य करेंसी का इस्तेमाल

क्रिप्टो में इनवेस्टर्स की बढ़ती दिलचस्पी का बड़ा कारण इसका डीसेंट्रलाइज्ड प्रकार है. इस वजह से गैर कानूनी गतिविधियों के लिए भी इसका इस्तेमाल हो रहा है

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मनी लॉन्ड्रिंग के लिए क्रिप्टो एसेट्स का इस्तेमाल सामान्य करेंसी और अन्य जरियों से काफी कम है
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  • क्रिप्टोकरेंसीज में फिरौती की मांग जैसे अपराध बढ़े हैं
  • क्रिप्टो स्कैम्स के मामलों ने अथॉरिटीज की चिंता बढ़ाई है
  • महामारी के दौरान रैंसमवेयर स्कैम्स में क्रिप्टो का इस्तेमाल बढ़ा है
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क्रिप्टोकरेंसी से गैर कानूनी गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की आशंकाओं के बावजूद वित्तीय अपराधों के लिए सामान्य करेंसी का अधिक इस्तेमाल हो रहा है. अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट की ओर से हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. इस रिपोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी गतिविधियों को फंडिंग जैसी आपराधिक गतिविधियों को शामिल किया गया है. इसमें कहा गया है कि वित्तीय अपराधों में सामान्य करेंसी का इस्तेमाल क्रिप्टोकरेंसीज के मुकाबले बहुत अधिक हो रहा है. 

रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले तीन वर्षों में डिजिटल एसेट्स का मार्केट कैपिलाइजेशन और इनके यूजर्स की संख्या काफी बढ़ी है. हालांकि, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए क्रिप्टो एसेट्स का इस्तेमाल सामान्य करेंसी और अन्य जरियों से काफी कम है. क्रिप्टो में इनवेस्टर्स की बढ़ती दिलचस्पी का बड़ा कारण इसका डीसेंट्रलाइज्ड प्रकार है. इस वजह से गैर कानूनी गतिविधियों के लिए भी इसका इस्तेमाल हो रहा है. अथॉरिटीज के लिए क्रिप्टोकरेंसीज का मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल चिंता का एक बड़ा कारण है. इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसीज में फिरौती की मांग जैसे अपराध भी बढ़े हैं. 

महामारी के दौरान फिशिंग अटैक्स और रैंसमवेयर स्कैम्स में क्रिप्टोकरेंसीज का काफी इस्तेमाल हुआ है. सायबर अपराधियों ने बहुत से मामलों में कंप्यूटर नेटवर्क पर वायरस के जरिए अटैक कर महत्वपूर्ण जानकारी चुराई थी और इसका खुलासा नहीं करने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज में भुगतान करने की मांग की थी. क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़ी ट्रांजैक्शंस का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है और इस वजह से अपराधी क्रिप्टोकरेंसीज में भुगतान मांगते हैं. 

संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग से वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रति वर्ष 80 अरब डॉलर से 2 लाख करोड़ डॉलर के बीच नुकसान होता है. इसमें से लगभग 90 प्रतिशत का पता नहीं लग पाता. हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि क्रिप्टो स्कैमर्स ने पिछले वर्ष केन्या के लोगों से लगभग 12 करोड़ डॉलर (लगभग 916 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी की है. क्रिप्टो स्कैम्स के बारे में केन्या के लोग अब सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म्स पर ग्रुप्स के जरिए चर्चा कर रहे हैं. अन्य देशों में भी क्रिप्टो स्कैमर्स की एक्टिविटीज बढ़ी हैं. रिसर्च फर्म Chainalysis की हाल की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पिछले वर्ष इन स्कैम्स के जरिए 7.7 अरब डॉलर की धोखाधड़ी हुई है. 
 

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