न्यूयॉर्क में क्रिप्टो माइनिंग के लिए घटेगा फॉसिल फ्यूल से एनर्जी का इस्तेमाल

इससे जुड़ा एक बिल पास किया गया है। हालांकि, न्यूयॉर्क की गवर्नर Kathy Hochul का कहना है कि उन्होंने इस बिल पर हस्ताक्षर करने को लेकर फैसला नहीं किया है

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
कुछ देशों में क्रिप्टो माइनिंग के लिए रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया जा रहा है

क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में इलेक्ट्रिसिटी की बहुत अधिक जरूरत होती है. अमेरिका के न्यूयॉर्क में Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग के लिए कोल से चलने वाले पावर प्लांट्स से इलेक्ट्रिसिटी उपलब्ध कराने पर दो वर्ष का मोराटोरियम लागू हो सकता है. इससे जुड़ा एक बिल पास किया गया है. हालांकि, न्यूयॉर्क की गवर्नर Kathy Hochul का कहना है कि उन्होंने इस बिल पर हस्ताक्षर करने को लेकर फैसला नहीं किया है.

क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक जरूरत होती है. इसमें ब्लॉकचेन ट्रांजैक्शंस को वैलिडेट करने के लिए मैथमैटिक्स की पजल्स को कंप्यूटर सिस्टम्स पर सॉल्व करना होता है. पजल को पहले सॉल्व करने वाले माइनर को रिवॉर्ड के तौर पर क्रिप्टोकरेंसी दी जाती है. Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क की स्टेट असेंबली ने अप्रैल में इस बिल को पारित किया था. इसे सीनेट ने पिछले सप्ताह मंजूरी दी थी. गवर्नर के कार्यालय का कहना है कि Kathy Hochul बिल पर हस्ताक्षर करने को लेकर विचार कर रही हैं. उन्होंने एक स्टेटमेंट में कहा, "हमें एनवायरमेंट की सुरक्षा के साथ रोजगार के अवसरों को भी सुरक्षित करना होगा. इसके साथ ही यह पक्का करने की जरूरत है कि इससे जुड़ी फर्मों में इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रिसिटी का उचित तरीके से प्रबंधन किया जाए." 

बिल में कहा गया है कि न्यूयॉर्क में क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग तेजी से बढ़ रही है. इससे इलेक्ट्रिसिटी की खपत में भी बढ़ोतरी होगी. पिछले वर्ष अमेरिका के बाद कजाकिस्तान बिटकॉइन माइनिंग के लिए दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सेंटर बन गया था. चीन के पिछले वर्ष क्रिप्टो माइनिंग पर रोक लगाने से कजाकिस्तान में माइनिंग करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि, इनमें अवैध तौर पर माइनिंग करने वालों की बड़ी संख्या है. कजाकिस्तान की सरकार ने पिछले महीने क्रिप्टो माइनिंग करने वालों के लिए इलेक्ट्रिसिटी पर टैक्स बढ़ाने का फैसला किया था. इससे पहले ईरान जैसे कुछ अन्य देशों में भी क्रिप्टो माइनिंग के कारण इलेक्ट्रिसिटी की कमी हो चुकी है.

कुछ देशों में क्रिप्टो माइनिंग के लिए रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया जा रहा है. अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में माइनिंग फर्म स्ट्रॉन्गहोल्ड डिजिटल माइनिंग अपने सैकड़ों सुपर कंप्यूटर को बिजली देने के लिए कोयले की राख का इस्तेमाल करती है. इस फर्म का उद्देश्य अमेरिका के एनर्जी नेटवर्क को नुकसान पहुंचाए बिना बायप्रोडक्‍ट का इस्‍तेमाल करना है.  



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Delhi Water Crisis: Yamuna में Amonia की मात्रा बढ़ी, कई इलाक़ों में पानी की परेशानी