ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर जांच के घेरे में क्रिप्टो एक्सचेंज Kraken

अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने एक्सचेंज के खिलाफ जांच शुरू की थी और इस पर जुर्माना लगाया जा सकता है

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अमेरिका के अलावा बहुत से अन्य देशों ने भी परमाणु कार्यक्रम के कारण ईरान पर प्रतिबंध लगाए हैं

अमेरिकी क्रिप्टो एक्सचेंज Kraken को ईरान के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों का कथित तौर पर उल्लंघन करने के कारण जांच का सामना करना पड़ रहा है. एक्सचेंज ने ईरान के यूजर्स को डिजिटल टोकन्स खरीदने और और बेचने की अनुमति दी थी. अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने एक्सचेंज के खिलाफ जांच शुरू की थी और इस पर जुर्माना लगाया जा सकता है.

New York Times की रिपोर्ट के अनुसार, Kraken ने ईरान, सीरिया और क्यूबा के यूजर्स को एकाउंट्स खोलने और क्रिप्टो एसेट्स की ट्रेडिंग करने की अनुमति दी थी, जो इन तीन देशों के साथ बिजनेस करने पर लगे सरकारी प्रतिबंध का उल्लंघन है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक्सचेंज के CEO Jesse Powell ने पिछले महीने एक स्प्रेडशीट दी थी जिसमें बताया गया था कि इन देशों में कस्टमर्स को सर्विसेज दी गई हैं. अगर ये आरोप साबित होते हैं तो Kraken ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के लिए ट्रेजरी डिपार्टमेंट की ओर से कार्रवाई का सामना करने वाली सबसे बड़ी क्रिप्टो फर्म बन जाएगी. 

ईरान पर अमेरिका ने चार दशक से अधिक से प्रतिबंध लगाए हैं. इन प्रतिबंधों के तहत ईरान के लोगों या फर्मों को गुड्स या सर्विसेज का एक्सपोर्ट करने पर रोक है. इन आरोपों पर एक्सचेंज ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि वह रेगुलेटर्स के साथ विशेष बातचीत पर टिप्पणी नहीं करेगा. एक्सचेंज के चीफ लीगल ऑफिसर Marco Santori ने बताया, " Kraken के पास मजबूत कम्प्लायंस प्रोसेस है और यह अपने बिजनेस में बढ़ोतरी के साथ ही कम्प्लायंस टीम में भी इजाफा कर रहा है. एक्सचेंज प्रतिबंधों से जुड़े कानूनों को लेकर कड़ी निगरानी करता है और इस बारे में समस्याओं की रेगुलेटर्स को रिपोर्ट दी जाती है."

Kraken के खिलाफ इस जांच से क्रिप्टो फर्मों की ओर से अमेरिकी कानूनों और ईरान, उत्तर कोरिया और रूस जैसे देशों के खिलाफ प्रतिबंधों के उल्लंघन का बड़ा संकेत मिला है. इस महीने की शुरुआत में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल Binance ने अमेरिकी प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए ईरान के कस्टमर्स को ट्रांजैक्शंस की सुविधा दी थी. अमेरिका के अलावा बहुत से अन्य देशों ने भी परमाणु कार्यक्रम के कारण ईरान पर प्रतिबंध लगाए हैं. 
 

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