क्रिप्टो मार्केट में गिरावट का असर बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल Coinbase के बिजनेस पर पड़ा है. Coinbase ने बताया है कि उसने हायरिंग की रफ्तार घटा दी है. एक्सचेंज ने हाल ही में एक सरकारी फाइलिंग में कहा था कि उसके बैंकरप्ट होने की स्थिति में यूजर्स को क्रिप्टो एसेट्स पर सीधे क्लेम का नुकसान हो सकता है. इसकी ट्रेडिंग वॉल्यूम में लगभग 44 प्रतिशत की कमी हुई है.
Coinbase की प्रेसिडेंट और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर Emilie Choi ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, "इस वर्ष की शुरुआत में हमने फर्म का साइज तिगुना करने की योजना बनाई थी. मार्केट की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, हमारा मानना है कि हायरिंग को कम करना समझदारी होगी." Coinbase के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा क्रिप्टो ट्रेडिंग से आता है. एक्सचेंज की इस वर्ष की पहली तिमाही में ट्रेडिंग वॉल्यूम 309 अरब डॉलर की थी. यह आंकड़ा पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में लगभग 547 अरब डॉलर की ट्रेडिंग वॉल्यूम से काफी कम है. एक्सचेंज के हायरिंग कम करने का फैसला करने के पीछे यह एक बड़ा कारण हो सकता है.
इस एक्सचेंज को भारत में मुश्किल का सामना करना पड़ा है. Coinbase ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उसके ऐप पर देश के यूजर्स UPI के जरिए पेमेंट कर क्रिप्टोकरेंसीज खरीद सकेंगे. इसके लिए केंद्र सरकार ने अनुमति नहीं दी थी. इसके बाद Coinbase को पेमेंट के इस विकल्प को हटाना पड़ा था. एक्सचेंज के CEO Brian Armstrong ने हाल ही में कहा था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से क्रिप्टो सेगमेंट पर अनौपचारिक तरीके से दबाव डाला जाता है.
अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) को दी गई फाइलिंग के बाद एक्सचेंज के पास फंड की कमी होने की अटकलें लगी थी. हालांकि, Coinbase ने इन अटकलों को गलत बताया है. Choi ने कहा, "मार्केट में गिरावट से डर लग सकता है. हम मार्केट की सभी स्थितियों के लिए योजना बनाते हैं और इनमें से कुछ योजनाओं को लागू कर रहे हैं. हम एक मजबूत स्थिति में हैं. हमारे पास मजबूत बैलेंस शीट है. हमने पहले भी मार्केट में गिरावट का सामना किया है और इससे बेहतर तरीके से उबरे हैं." Coinbase की शुरुआत लगभग 10 वर्ष पहले हुई थी. इसने नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) से जुड़ी ट्रेडिंग सर्विस शुरू करने की तैयारी की है.
Crypto मार्केट में गिरावट का असर, Coinbase ने घटा दी हायरिंग की रफ्तार
एक्सचेंज ने हाल ही में एक सरकारी फाइलिंग में कहा था कि उसके बैंकरप्ट होने की स्थिति में यूजर्स को क्रिप्टो एसेट्स पर सीधे क्लेम का नुकसान हो सकता है
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इस एक्सचेंज को भारत में मुश्किल का सामना करना पड़ा है
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एक्सचेंज की ट्रेडिंग वॉल्यूम में लगभग 44 प्रतिशत की कमी हुई है
Coinbase के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा क्रिप्टो ट्रेडिंग से आता है
एक्सचेंज के हायरिंग कम करने के पीछे यह एक बड़ा कारण हो सकता है
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