Cryptocurrency मार्केट में उछाल: Bitcoin, Ether समेत ज्‍यादातर कॉइंस ने देखी तेजी

अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर भी लगभग 7 फीसदी की बढ़त के साथ Bitcoin ने अच्‍छी वापसी की

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Ether के प्राइस में भी बढ़ोतरी देखी गई, लेकिन वह Bitcoin से पीछे ही रहा

क्रिप्‍टो मार्केट ने बुधवार को अच्‍छी शुरुआत देखी. ज्‍यादातर क्रिप्‍टोकरेंसी को फायदा मिलने से ओवरऑल क्रिप्‍टो मार्केट में तेजी नजर आई. 5.80 फीसदी मुनाफे के साथ बिटकॉइन (Bitcoin) ने भारतीय एक्सचेंज ‘कॉइनस्विच कुबेर' (CoinSwitch Kuber) पर 42,547 डॉलर (लगभग 32.5 लाख रुपये) पर कारोबार शुरू किया. दूसरे भारतीय एक्सचेंजों जैसे- UnoCoin पर Bitcoin की कीमत 43,774 डॉलर (लगभग 33.5 लाख रुपये) तक पहुंच गई. अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर भी लगभग 7 फीसदी की बढ़त के साथ Bitcoin ने अच्‍छी वापसी की. CoinMarketCap और Binance जैसे ग्‍लोबल एक्सचेंजों पर Bitcoin 41,475 डॉलर (लगभग 32 लाख रुपये) पर कारोबार कर रहा है.

Ether के प्राइस में भी बढ़ोतरी देखी गई, लेकिन वह Bitcoin से पीछे ही रहा. Gadgets 360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, 5 फीसदी की बढ़त के साथ Ether 2,788 डॉलर (करीब 2.15 लाख रुपये) तक पहुंच गया. अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंजों में भी Ether ने लगभग 6 फीसदी का फायदा देखा. इसकी ट्रेड वैल्‍यू 2,704 डॉलर (लगभग 2 लाख रुपये) तक बढ़ गई. कई और क्रिप्‍टोकरेंसीज ने भी फायदा देखा. इनमें Binance Coin, Polkadot, Polygon, Ripple, Cardano और Solana शामिल हैं. Dogecoin और Shiba Inu को भी मामूली फायदा हुआ.

राजनीतिक तनावों और मौजूदा आर्थिक अस्थिरता के चलते Tether, USD Coin और Binance USD जैसी स्‍टेबलकॉइंस को नुकसान देखना पड़ा.

क्रिप्टो मार्केट में आई इस तेज वापसी को संस्थागत निवेशकों की गतिविधियों से भी जोड़ा जा सकता है. हाल ही में अमेरिका बेस्‍ड ‘बैन कैपिटल वेंचर्स' ने 560 मिलियन डॉलर (लगभग 4,307 करोड़ रुपये) का एक फंड लॉन्च किया है. यह फंड विशेष रूप से क्रिप्टो से जुड़े इनिशिएटिव पर केंद्रित है. सिकोइया कैपिटल ने भी पिछले महीने घोषणा की थी कि वह अपने पहले क्रिप्टो-स्‍पेसिक फंड के लिए 600 मिलियन डॉलर (लगभग 4,610 करोड़ रुपये) तक जुटाना चाहता है.

इंडियन एक्सचेंज CoinDCX की रिसर्च टीम ने Gadgets 360 को बताया कि क्रिप्टो का भविष्य भले ही अनिश्चित है, लेकिन संस्थागत समर्थन इस क्षेत्र की मजबूती की पुष्टि करता है और उद्योग में विश्वसनीयता को बढ़ाता है. अगर कीमतों में गिरावट आती है, तो उद्योग इसका मुकाबला पहले से ज्‍यादा मजबूती के साथ करेगा. इस बीच खबरें हैं कि चीन भी नेशनल डिजिटल करेंसी लॉन्‍च करने के बारे में सोच सकता है.

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