झारखंड के साहिबगंज जिले के बोरियो थाना क्षेत्र में दिल्ली के श्रद्धा वालकर हत्याकांड जैसी घटना हुई है. रूबिका पहाड़िन नामक महिला की हत्या करने के बाद उसके शव के 50 से ज्यादा टुकड़े करके अलग-अलग जगह फेंक दिए गए थे. शनिवार की देर शाम बोरियो संथाली में निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र के पीछे से मानव के पैर का टुकड़ा मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई.
पुलिस की छानबीन में दिलदार नामक युवक का नाम सामने आ रहा है, जो कि रुबिका का पति है. हालांकि पुलिस अभी इसकी पुष्टि नहीं कर रही है. छानबीन के दौरान पास के ही एक बंद घर से बोरे में रखा मांस का टुकड़ा मिला. सूचना मिलने पर रात में ही एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा दल बल के साथ बोरियो थाना पहुंचे.
इस मामले में छानबीन में यह बात सामने आई है कि कुछ लोगों ने रूबिका पहाड़िन की हत्या करके साक्ष्य छिपाने के लिए उसके शव के टुकड़े किए और उन्हें फेंक दिया. दुमका से रात में ही खोजी कुत्ता बुलाया गया. जांच पड़ताल के बाद कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस आरोपियों को किसी गुप्त जगह पर रखकर पूछताछ कर रही है. जिला मुख्यालय से चिकित्सकों को भी मानव अंगों की जांच के लिए बुलाया गया. मांस के सभी टुकड़ों को पैक करके फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है.
शनिवार की देर शाम बोरियो संथाली पंचायत के मुखिया एरिका स्वर्ण मरांडी के पुत्र मनोज दास ने बोरियो थाने की पुलिस को सूचना दी थी कि निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र के पास कुछ मानव अंग पड़े हैं. इसके बाद पुलिस हरकत में आई. सूचना मिलते ही थाना प्रभारी जगन्नाथ पान, एएसआई करुण कुमार राय दल बल के साथ वहां पहुंचे और मामले की जांच शुरू की.
पुलिस ने कुछ लोगों से पूछताछ की और फिर जहां मानव अंग मिला उससे करीब तीन सौ मीटर दूर एक बंद पड़े मकान में पहुंची. बंद मकान से बोरे में मांस का टुकड़ा व हड्डी बरामद की गई. जिस बंद मकान से मानव अंग मिला है वहां पुलिस तैनात कर दी गई है. शांति भंग होने की आशंका के मद्देनजर बोरियो में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
स्थानीय एसपी के अनुसार इस घटना में पति समेत परिवार के छह लोगों को हिरासत में ले लिया गया है. पूछताछ में अब तक दिलदार अपनी मां और एक मामा पर अपनी पत्नी रुबिका पहाड़िन की हत्या का आरोप लगा रहा है, लेकिन पुलिस का कहना है कि यह उसकी खुद को बचाने की चाल है. दिलदार के रुबिका से दूसरी शादी करने पर परिवार में तनाव था. परिवार के ज्यादातर सदस्य दिलदार की पहली पत्नी का पक्ष लेते थे.