‘भीम आर्मी’ संगठन के प्रमुख चंद्रशेखर को मारना था हमलावरों का मकसद : उत्तर प्रदेश पुलिस

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) पर 29 जून को उत्तर प्रदेश के देवबंद में हमला हुआ था. हमले के बाद अपने पहले इंटरव्‍यू में आजाद ने उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा था कि यूपी में कानून व्‍यवस्‍था खत्‍म हो गई है.

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पुलिस ने आरोपियों को ढाबे पर घेरकर पकड़ा.

‘भीम आर्मी' संगठन के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पर फरार होने वाले आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में है. पुलिस ने इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रशेखर आजाद पर हमले के लिए 4 लड़के मेरठ में मित्र से मिलकर आए थे. जो कि रोहाना टोल पर पता लगने के बाद चंद्रशेखर के पीछे लगे. इन्होंने 3 राउंड फायर किए, जिसमें रणखंडी के विक्की ने 2 फायर किए, वहीं प्रशांत ने 1 राउंड फायर किया. फायरिंग कर गाड़ी छोड़ने के बाद आरोपी हरियाणा भाग गए.

पुलिस ने बताया कि हमलावरों का मुख्य मकसद चंद्रशेखर आजाद को जान से मारने का था. किसी मामले में वहां से जेल जाना चाहते थे. पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी ढाबे पर घेरकर की. इन आरोपियों पर 307, लूट के मुकदमें दर्ज है. पूछताछ में मालूम हुआ कि इनके पास हथियार पहले से था. आरोपी लवीश का चाचा जेल में बंद रहा है. जेलर पर हमले के मामले में लवीश जेल में भी रहा है.

हालांकि हरियाणा के विक्की के खिलाफ कोई केस नहीं है. विक्की हरियाणा की रणखण्डी में रिश्तेदारी है. चंद्रशेखर आजाद को फिलहाल सुरक्षा दी गई है. स्थाई सुरक्षा के लिए जिला सुरक्षा कमेटी फैसला लेगी. इस घटना अनावरण करने वाली टीम को प्रशस्ति पत्र सौंपने के साथ 50 हजार का इनाम भी दिया गया.

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