एक सनसनीखेज मामले में पुलिस ने पिता की हत्या की साजिश रचने वाले बेटे और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया है. मामला राजधानी के नरेला इलाके का है, जहां 67 साल के रमेश भारद्वाज की गुमशुदगी की शिकायत उनकी बेटी एकता अरोड़ा ने 29 जनवरी 2025 को दर्ज कराई थी.
एकता अरोड़ा ने पुलिस को बताया कि उनके पिता 28 जनवरी को अपनी स्कूटी से नरेला गए थे, जिसके बाद से उनका कोई सुराग नहीं था. उन्हें आशंका थी कि उनके पिता का अपहरण कर लिया गया है. पुलिस ने जब जांच शुरू की, तो पता चला कि रमेश भारद्वाज को आखिरी बार उनके पुराने नौकर जितेंद्र के साथ देखा गया था.
पुलिस टीम ने जब जितेंद्र के घर की जांच की, तो पाया कि वह भी लापता था. उसके परिवार से पूछताछ करने पर पता चला कि उसका बेटा विशाल भी फरार है और उसका फोन बंद है. पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस की मदद से विशाल की लोकेशन ट्रेस की और उसे हिरासत में ले लिया.
पूछताछ में विशाल ने चौंकाने वाला खुलासा किया. उसने बताया कि उसके पिता जितेंद्र और उसने मिलकर रमेश भारद्वाज की हत्या की थी. हत्या के बाद उसके पिता ने उसे शव ठिकाने लगाने का आदेश दिया. विशाल ने लाश को बोरी में डालकर नजदीकी नाले में फेंक दिया था. पुलिस ने विशाल की निशानदेही पर शव बरामद किया, जो काफी हद तक सड़ चुका था.
पूछताछ में यह भी सामने आया कि इस हत्याकांड की साजिश खुद मृतक के बेटे लव भारद्वाज ने रची थी. दरअसल, रमेश भारद्वाज अपने बेटे लव से नाराज थे, क्योंकि उसने प्रेम विवाह किया था. वह अपने बेटे और उसके परिवार को घर से निकालना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने डीएम के सामने सीनियर सिटीजन कानून के तहत शिकायत भी दर्ज कराई थी.
लव भारद्वाज को डर था कि जल्द ही उसे अपने परिवार के साथ घर छोड़ना पड़ेगा. इसी डर के कारण उसने अपने पिता को रास्ते से हटाने की साजिश रची. उसने अपने पिता के पुराने नौकर जितेंद्र को पैसों का लालच देकर हत्या के लिए तैयार किया. कुछ दिन पहले उसने जितेंद्र को 35,000 रुपये टोकन के तौर एडवांस दिए थे.
पुलिस ने लव को भेजा जेल, मुख्य आरोपी फरार
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मृतक की गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई है. पुलिस ने लव भारद्वाज को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जबकि विशाल पुलिस हिरासत में है. वहीं, मुख्य आरोपी जितेंद्र की तलाश जारी है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.