- दिल्ली पुलिस ने ऑपरेशन CyHawk 2.0 में 10 राज्यों में साइबर अपराधियों के पैसों के नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई की
- इस ऑपरेशन में 7015 संदिग्ध पकड़े गए, जिनमें से 1146 को गिरफ्तार किया गया और 2882 पर कानूनी कार्रवाई हुई
- दिल्ली पुलिस ने लोगों को डिजिटल सुरक्षा के लिए सतर्क रहने और साइबर अपराध की शिकायत तुरंत दर्ज कराने की सलाह दी
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों और उनके पैसों के नेटवर्क पर अब तक की सबसे बड़ी और सबसे संगठित कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन CyHawk 2.0 को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. यह ऑपरेशन 10–11 दिसंबर 2025 को चलाया गया, जिसमें दिल्ली पुलिस की 5000 से ज्यादा की टीम ने दिल्ली सहित कई राज्यों में एक साथ छापेमारी की.
यह अभियान पिछले साल के ऑपरेशन CyHawk 1.0 से कई गुना बड़ा और अधिक प्रभावी रहा. इस बार पुलिस ने उन लोगों को टारगेट किया जो साइबर अपराधियों के पैसे को बैंक खातों, डिजिटल वालेट और नकद के जरिए आगे बढ़ाते हैं , यानी म्यूल अकाउंट, कैश हैंडलर, SIM सप्लाई करने वाले और दस्तावेज उपलब्ध कराने वाले.
सबसे बड़ी उपलब्धियां
- पहले के मुकाबले 200% ज्यादा लोगों पर कार्रवाई
- 7015 संदिग्ध पकड़े गए
- 1146 गिरफ्तार/बाउंड डाउन
- 1736 लोगों को BNSS की धारा 35 के तहत नोटिस जारी
- कुल 2882 लोगों पर कानूनी कार्रवाई
- 392 नए FIR दर्ज
- 228 पुराने FIR लिंक
- 4058 साइबर शिकायतें NCRP से लिंक
- साइबर ठगों द्वारा हड़पे गए ₹944 करोड़ तक की रकम का पता लगाया गया
यह अपने आप में दिल्ली पुलिस का सबसे बड़ा इंटेलिजेंस-ड्रिवन साइबर ऑपरेशन है.
ऑपरेशन कैसे चला?
1. गहरी डेटा एनालिसिस का इस्तेमाल
दिल्ली पुलिस और I4C (Ind. Cyber Crime Coordination Centre, MHA) ने मिलकर बैंक ट्रांजैक्शन पैटर्न, डिजिटल फुटप्रिंट, मनी ट्रेल, संदिग्ध अकाउंट और टेलीकॉम डेटा का गहन विश्लेषण किया. इसके आधार पर ऐसे हॉटस्पॉट और नेटवर्क चिन्हित हुए जहां से साइबर धोखाधड़ी चल रही थी.
2. हजारों पुलिसकर्मियों की एक साथ कार्रवाई
दिल्ली पुलिस की सैकड़ों टीमों ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा और केरल सहित 10 राज्यों में एक साथ रेड कीं. यह कार्रवाई पूरी तरह प्लान की गई थी, हर टीम को पहले से रोल, लोकेशन और लक्ष्य दिए गए थे.
3. भारी मात्रा में डिजिटल सबूत बरामद
रेड के दौरान पुलिस को, मोबाइल फोन, लैपटॉप, SIM कार्ड की बड़ी खेप, ATM कार्ड, बैंक पासबुक, नकद लेन-देन की डायरी और फर्जी दस्तावेज मिले, जिनका अब फॉरेंसिक विश्लेषण चल रहा है.
दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलछा ने कहा सायबर अपराधियों की जड़ पर सीधा प्रहार हमारा लक्ष्य है. दिल्ली को साइबर अपराधियों के लिए असुरक्षित जगह बनाना है, ताकि साइबर अपराध करने से पहले कोई भी सौ बार सोचे.
- CyHawk 1.0 से कई गुना बड़ा ऑपरेशन
- CyHawk 2.0 में 10 राज्य शामिल
- पहले से लगातार 163% ज्यादा संदिग्ध पकड़े गए
- 125% ज्यादा FIR सुलझाई गईं
- 110% ज्यादा साइबर शिकायतें लिंक की गईं
- जनता को चेतावनी और सलाह – STOP – THINK – ACT
दिल्ली पुलिस ने लोगों से आग्रह किया है कि डिजिटल दुनिया में सावधानी बेहद जरूरी है. साइबर ठगों से बचने के लिए ये बात जरूर याद रखें:
इन बातों से हमेशा सावधान रहें
- डिजिटल गिरफ्तारी एक झूठ है कोई पुलिस, CBI या कोर्ट आपको कॉल पर डिजिटल रूप से गिरफ्तार नहीं कर सकता.
- अनजान लिंक, ऐप, निवेश प्लान या जॉब ऑफर पर भरोसा न करें.
- किसी को OTP, PIN, बैंक डिटेल, Aadhaar, PAN न भेजें.
- केवल असली वेबसाइट से ही ग्राहक सेवा नंबर लें.
- स्क्रीन-शेयर ऐप कभी इंस्टॉल न करें.
- सभी खातों में 2FA (दो-स्तरीय सुरक्षा) लगाएं.
- फोन और ऐप हमेशा अपडेट रखें.
- कैसे करें शिकायत
- 1930 पर तुरंत कॉल करें.
- NCRP Portal पर दर्ज करें – cybercrime.gov.in
- किसी भी पुलिस स्टेशन के Integrated Help Desk में तुरंत रिपोर्ट करें.
- संदिग्ध नंबर/कॉल को Sanchar Saathi App पर रिपोर्ट करें.
दिल्ली पुलिस की अपील
ज्यादा से ज्यादा लोग साइबर सुरक्षा का ज्ञान रखें. इसके लिए @CyberDost (MHA) और @DelhiPolice फॉलो करें. दिल्ली पुलिस लगातार स्कूलों, RWAs और समुदायों में जागरूकता कार्यक्रम चला रही है.













