दिल्ली पुलिस को गाड़ी में दो लड़कियों के किडनैपिंग की एक ऐसी पीसीआर कॉल मिली, जिससे पुलिस के बड़े अधिकारियों तक के हाथ-पैर फूल गए. जिसके बाद रात भर दिल्ली पुलिस पीसीआर कॉल को वैरिफाई करके अलग अलग नंबर की गाड़ियों को ट्रेस करती रही.
क्या है पीसीआर कॉल का पूरा मामला
दरअसल, 19 जून तड़के सुबह 1 बजकर 13 मिनट पर कोटला मुबारकपुर थाने में पुलिस को एक कॉल मिली कि एक लड़की को कार में जबरन ले जाया जा रहा है और वो मदद के लिए चिल्ला रही है. इस कॉल के आने के तुरंत बाद पुलिस ने जांच शुरू करके गाड़ी को ट्रेस करने की कोशिश शुरू की. पुलिस को कॉल करने वाले NEET के छात्र अनुराग, ध्रुव और शिवम ने पुलिस को बताया कि एक लड़का जो आइटेन ग्रे कलर की गाड़ी चला रहा था.
इस गाड़ी में एक लड़की आगे की सीट और एक लड़की पीछे की सीट पर बैठी थी. पीछे सीट पर बैठी लड़की गाड़ी से उतरना चाह रही थी लेकिन लड़का उसे नही उतरने दे रहा था. जबकि गाड़ी के आगे सीट पर बैठी लड़की मदद के लिए चिल्ला रही थी. इन लड़को ने गाड़ी को रोकने की कोशिश की पर गाड़ी चला रहे शख्स ने गाड़ी को नही रोका और INA की तरफ तेजी से चला गया. इस वजह से लड़के गाड़ी का सही-सही नंबर नोट नही कर पाए जितना उन्हें याद आया गाड़ी का नंबर DL1CP7682 था पर ये नंबर गलत निकला.
सीसीटीवी फुटेज में नहीं हो पाई गाड़ी की पहचान
जब सीसीटीवी फुटेज चेक की गई तो इस नंबर की गाड़ी तो स्पॉट पर नही मिली पर एक मारुति सिलेरियो या आइटेन ब्राउन कलर की गाड़ी दिखी. जिसमे आगे का दरवाजा खुला था पर कोई लड़की मदद के लिए चिल्लाती नही दिखी. पुलिस ने कई जगह की सीसीटीवी चेक की पर इस नंबर की कोई गाड़ी नही मिली, एक और नंबर पुलिस को HR नंबर का मिला पर वो किसी शख्स के चेतक स्कूटर पर रजिस्टर्ड था.
किडनैपिंग या आपसी विवाद की आशंका
जांच में पुलिस को लग रहा है कि ये किडनैपिंग नही बल्कि आपस मे जानकर लोगो का कोई विवाद हो सकता है. पुलिस को किसी ने किडनैपिंग या जबरन ले जाने की शिकायत भी नही दी है. दिल्ली पुलिस ने मैसेज को नोएडा पुलिस से भी शेयर किया था. इसको लेकर जांच अभी भी जारी है. पुलिस अभी भी इस कॉल को वैरिफाई करने और अगर कोई ऐसी विक्टिम है तो उसकी तलाश कर रही है.