कानपुर में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की कराचीखाना शाखा में नौ लॉकर से ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के जेवरात चोरी होने के मामले में शाखा प्रबंधक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि पुलिस के दबाव में एक आरोपी ने रविवार को आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) प्रमोद कुमार ने रविवार को बताया कि पकड़े गए लोगों के कब्जे से चोरी के 342 ग्राम आभूषण बरामद किए गए हैं.
उन्होंने बताया कि शनिवार को इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में बैंक शाखा प्रबंधक राम प्रसाद के अलावा चंद्रप्रकाश, करण राज और राकेश शामिल हैं. पुलिस ने बाद में बताया कि सहायक बैंक प्रबंधक शुभम मालवीय ने आत्मसमर्पण कर दिया है.
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि बैंक शाखा प्रबंधक रामप्रसाद और सहायक प्रबंधक शुभम मालवीय ने अनधिकृत रूप से लॉकर को तोड़ा था और उनमें रखे आभूषण निकालकर उन्हें कथित रूप से बेच दिया था.
बाद में रविवार रात को डीसीपी (पूर्व) ने कहा, ''पुलिस द्वारा लगातार छापेमारी के बाद शुभम मालवीय ने रविवार को आत्मसमर्पण कर दिया है और उससे पूछताछ की जाएगी. कुमार ने कहा कि सभी आरोपियों को पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत (रिमांड) में लिया जाएगा.''
पुलिस उपायुक्त (अपराध) सलमान ताज जाफरताज पाटिल ने बताया कि अगर बैंक के किसी लॉकर का संचालन नहीं किया जा रहा है तो उसे खोलने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के कुछ नियम हैं. ऐसे लॉकर को खोलने के लिए दो बैंक शाखा प्रबंधकों, एक कानूनी सलाहकार तथा दो स्वतंत्र गवाहों की पांच सदस्यीय समिति गठित की जाती है लेकिन शाखा प्रबंधक ने इन नियमों की अनदेखी की.
उन्होंने बताया कि जब विशेष जांच टीम ने मामले की तफ्तीश शुरू की और बैंक के रजिस्टर तथा अन्य दस्तावेज खंगाले तो उसमें अनियमितताएं पाई गईं. जांच में मालूम हुआ कि ऐसे 29 लॉकरों को अनधिकृत रूप से खोला गया जिनका संचालन नहीं हो रहा था.
पाटिल ने बताया कि जब पुलिस ने इस मामले में बैंक कर्मी चंद्रप्रकाश से पूछताछ की तो उसने शुरू में जांच टीम को भ्रमित करने की कोशिश की लेकिन बाद में उसने गुनाह कुबूल कर लिया. उन्होंने बताया कि चंद्र प्रकाश ने पुलिस को जानकारी दी कि उसने बैंक के 29 लॉकर तोड़े थे जिनमें से करीब एक दर्जन में जेवरात रखे थे.
पाटिल ने बताया कि कम से कम नौ लोगों ने पुलिस में शिकायत की थी कि उनके लॉकर में रखे करोड़ों रुपये के जेवरात चोरी हो गए हैं. यह मामला पिछले 14 मार्च को सामने आया था जब मंजू भट्टाचार्य नामक एक उपभोक्ता ने अपना लॉकर देखा था और उन्हें उसमें अपने जेवरात नहीं मिले थे.
मीडिया में यह खबर आने के बाद अन्य उपभोक्ता भी कराची खाना स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में पहुंचे और उनमें से आठ अन्य को भी अपने लॉकर में आभूषण नहीं मिले.
उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक तीन मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं. चोरी किए गए आभूषणों की अनुमानित कीमत ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जाती है. मामले की विस्तृत जांच की जा रही है.