11 साल की घरेलू सहायिका को प्रताड़ित कर सड़क किनारे फेंका, पुलिस ने मालिक को किया गिरफ्तार

मंगलवार की सुबह लड़की के साथ मारपीट की गई. पिटाई के बाद जब वह नहीं उठ पाई, तो उसके मालिक ने उसे सड़क पर फेंक दिया. कुछ राहगीरों ने बच्ची को सड़क के किनारे दर्द से कराहते देखा और चाइल्डलाइन के सदस्यों से संपर्क किया. चाइल्डलाइन के सदस्यों ने तुरंत बच्ची को छुड़ाया और कैपिटल अस्पताल में भर्ती कराया.

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प्रतीकात्मक फोटो.
भुवनेश्वर:

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में घरेलू सहायिका के रूप में काम कर रही 11 वर्षीय लड़की के साथ कथित रूप से अमानवीय यातना का मामला सामने आया है. पुलिस ने नयापल्ली इलाके में सड़क किनारे इस लड़की को बरामद किया है. उसके शरीर पर कई जगह चोट लगी है. रिपोर्ट के मुताबाकि, लड़की शहर के सलिया साही इलाके में स्थित एक घर में घरेलू सहायिका के रूप में काम कर रही थी. हालांकि, आरोपी नियोक्ता और उसके परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर उसे नियमित रूप से प्रताड़ित किया. पुलिस ने इस मामले में आरोपी नियोक्ता  को गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मंगलवार की सुबह लड़की के साथ मारपीट की गई. पिटाई के बाद जब वह नहीं उठ पाई, तो उसके मालिक ने उसे सड़क पर फेंक दिया. कुछ राहगीरों ने बच्ची को सड़क के किनारे दर्द से कराहते देखा और चाइल्डलाइन के सदस्यों से संपर्क किया. चाइल्डलाइन के सदस्यों ने तुरंत बच्ची को छुड़ाया और कैपिटल अस्पताल में भर्ती कराया. चाइल्डलाइन के सदस्यों ने शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद आरोपी नियोक्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है.

आरोप है कि उसे लोहे की रॉड से पीटा गया, जिससे कई फ्रैक्चर हो गए. चाइल्डलाइन के बेनुधर सेनापति ने संवाददाताओं से कहा, "हमें एक गंभीर मामले की शिकायत मिली है, जहां एक बच्ची के साथ क्रूरता और दुर्व्यवहार किया गया था. वह सड़क पर तड़प रही थी. हमने उसे कैपिटल अस्पताल में भर्ती कराया है. वह बहुत छोटी बच्ची है, जिसकी उम्र करीब 11 साल है." .

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सेनापति ने कहा, "उसके पूरे शरीर पर चोट के निशान हैं. सीने और प्राइवेट पार्ट में भी चोटें आई है. बच्ची ने बताया कि जिस घर में वह काम करती थी, वहां छोटी से छोटी गलती के लिए भी मारा-पीटा जाता था."

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चाइल्डलाइन ने नाबालिग लड़की की मां से भी संपर्क किया. लड़की की मां प्रमिला नायक ने बताया, "घर के मालिक ने मेरी बेटी को स्कूल में दाखिला दिलाने और उसका सारा खर्च उठाने का आश्वासन दिया था. मैं इस बात से अनजान थी कि उसने मेरी बेटी को अमानवीय यातना दी. वो लोग मेरी बेटी को नियमित रूप से पीटते थे, फिर उसे सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया." प्रमिला ने अपनी बेटी के लिए न्याय की गुहार लगाई है.

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