बेंगलुरु के पॉश इलाके एचएसआर लेआउट की 14वीं क्रॉस रोड में यह रविवार भी किसी आम रविवार की ही तरह गुजर रहा था. लेकिन दोपहर खत्म होते-होते हालात बदल गए. पुलिस के सबसे ऊंचे ओहदे पर रह चुका अफ़सर, खुद अपने ही घर में, खाने की टेबल पर कत्ल कर दिया गया... और कातिल कोई और नहीं, उसकी पत्नी निकली. पुलिस की जांच और आरोपी पत्नी पल्लवी (Pallavi) के बयान से जो तथ्य सामने आए हैं, वे इस घटना को और भी रहस्यमय और खौफनाक बना देते हैं.
खाने की मेज पर शुरू हुआ खूनी खेल का सिलसिला
रविवार की दोपहर, जब रिटायर्ड डीजीपी ओम प्रकाश अपने घर के डाइनिंग टेबल पर दोपहर का भोजन कर रहे थे, तब उन्हें ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि उनकी थाली में परोसी मछली के साथ उनकी ज़िंदगी का आख़िरी निवाला भी परोसा जा चुका है.
रविवार दोपहर 2:30 से 3:00 बजे के बीच पूर्व DGP ओम प्रकाश अपने घर के डाइनिंग टेबल पर खाना खा रहे थे. उनके खाने के प्लेट में मछली और चावल था जब वे एक मछली और आधे चावल खा चुके थे, तभी उनकी पत्नी पल्लवी ने उनके चेहरे पर मिर्च पाउडर फेंका और किचन के चाकू से हमला कर दिया. ओम प्रकाश ने फौरन संभलने की कोशिश की, कुर्सी से गिर पड़े, लेकिन इससे पहले कि वो भाग पाते, पल्लवी ने उनके पेट, छाती और बाकी शरीर पर भी चाकू से कई वार कर दिए.
इसके बाद पेट, सीना और शरीर के दूसरे हिस्सों पर लगातार वार होते रहे. पूर्व डीजीपी प्रकाश ने बचने की कोशिश की, लेकिन ज़मीन पर गिर पड़े. पत्नी ने उनके ऊपर कंबल फेक दिया. खून से लथपथ शरीर फर्श पर तड़पता रहा. पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रकाश ने अपनी जान बचाने की कोशिश की लेकिन लेकिन पल्लवी के हाथों वो बच नहीं पाए. इस दौरान उन्होंने ज़मीन पर खून के धब्बों के साथ घिसटने की कोशिश भी की, लेकिन बच नहीं पाए. पुलिस जब पहुंची, तब तक सब खत्म हो चुका था और मछली की खुशबू वाले खाने का कमरा अब खून की बू से भर चुका था.
हत्या की आरोपी पल्लवी ने क्या कहा?
हत्या के बाद पल्लवी ने एक रिटायर्ड IPS अधिकारी की पत्नी कॉल कर कहा कि मैंने राक्षस को मार डाला. इसके बाद उन्होंने वीडियो कॉल करके ओम प्रकाश के खून से लथपथ शव को दिखाया. पल्लवी ने दो अन्य लोगों को भी फोन करके घटना की सूचना दी, जिनमें से एक ने पुलिस हेल्पलाइन 112 को सूचित किया.
आरोपी पल्लवी ने पहले ही पति पर लगाए थे गंभीर आरोप
पल्लवी ने आरोप लगाया था कि मेरी बेटी को मानसिक बीमार दिखाने के लिए ड्रग्स दिए जा रहे हैं. वो अपनी आवाज़ उठाने लगी तो उसे पागल साबित किया जा रहा है. हम बेहद खतरनाक स्थिति में हैं. आरोपी महिला ने कहा था कि मेरा पति पैसे और पॉवर के लिए सबकुछ कर सकता है. वो मुझे और मेरी बेटी को मानसिक रूप से बीमार घोषित करना चाहता है ताकि अपनी करतूतें छुपा सके.
- हत्या से पहले भी पल्लवी ने पति पर लगाए थे मानसिक उत्पीड़न और ड्रग्स देने के गंभीर आरोप.
- क्या यह एक ‘प्लान की गई हत्या' थी या टूटी हुई पत्नी का दर्दनाक विस्फोट?
- 1981 बैच के अधिकारी थे ओम प्रकाश बम ब्लास्ट केस से लेकर लोकायुक्त तक में निभाई थी अहम भूमिका.
- हत्या से पहले भी पल्लवी ने पति पर लगाए थे मानसिक उत्पीड़न और ड्रग्स देने के गंभीर आरोप.
- खाने की मेज़ पर मछली खा रहे थे पूर्व DGP ओम प्रकाश यही बना उनका आख़िरी भोजन.
क्या ये ‘प्लान्ड मर्डर' था या पल्लवी टूटी हुई एक पत्नी थी?
हत्या के तरीके और बाद की कॉल्स से ये तो साफ है कि पल्लवी मानसिक रूप से काफी तनाव में थी. लेकिन क्या उसने यह सब पहले से सोच रखा था? क्या ये कत्ल एक रणनीति का हिस्सा था? या फिर यह उस गुस्से और दर्द का विस्फोट था, जो बरसों से जमा हो रहा था? जवाब फिलहाल पुलिस की चार्जशीट और मेडिकल रिपोर्ट में छिपा है. लेकिन एक बात तय है. बेंगलुरु की इस घटना ने कानून, रिश्तों और विश्वास तीनों पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.
संपत्ति विवाद या मर्डर के पीछे है कोई और कारण
पुलिस की जांच में एक अहम सुराग सामने आया है संपत्ति विवाद. सूत्रों के मुताबिक, ओम प्रकाश अपनी सारी संपत्ति अपने बेटे कार्तिक को ट्रांसफर करना चाहते थे. इस फैसले से पल्लवी नाराज थीं. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि हत्या से पहले ओम प्रकाश और पल्लवी के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस हुई थी. क्या यह विवाद इतना गहरा था कि पल्लवी ने अपने पति की हत्या कर दी?
पुलिस सभी संभावनाओं पर विचार कर रही थी. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (पश्चिम) विकास कुमार विकास ने कहा, "हमें एक तेज हथियार मिला है, जिससे हत्या की गई हो सकती है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद और स्पष्टता आएगी." पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि घर में कोई जबरन घुसपैठ के निशान नहीं मिले, जिससे संदेह और गहरा हो गया कि यह अपराध घर के अंदर ही हुआ.
कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा, "यह एक दुखद घटना है. प्रारंभिक जांच में पल्लवी पर संदेह है, लेकिन हम पूरी सच्चाई सामने लाएंगे." इस हत्या ने कर्नाटक की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने लिखा, "जब एक पूर्व डीजीपी अपने घर में सुरक्षित नहीं, तो आम आदमी का क्या होगा?"
बिहार के चंपारण से ताल्लुक रखते थे ओम प्रकाश
1981 बैच के आईपीएस अधिकारी ओम प्रकाश बिहार के चंपारण से ताल्लुक रखते थे. भूविज्ञान में एमएससी की डिग्री हासिल करने वाले ओम प्रकाश ने अपने करियर की शुरुआत बल्लारी जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के तौर पर की थी. शिमोगा, उत्तर कन्नड़, और चिक्कमगलूर जैसे जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में उनकी तैनाती रही. लोकायुक्त, आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी), और अग्निशमन सेवाओं में डीआईजी के रूप में उन्होंने अपनी छाप छोड़ी. 2015 में वे कर्नाटक के डीजीपी बने और 2017 में रिटायर हुए. बेंगलुरु में 2013 के बीजेपी मुख्यालय बम विस्फोट और 2014 के चर्च स्ट्रीट ब्लास्ट की जांच में उनकी भूमिका अहम रही थी.
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