महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे में पूर्व नगरसेवक की सरेआम हत्या के बाद कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं. गणेशोत्सव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) से ठीक पहले हुई इस खूनी वारदात ने विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका दे दिया है. हालांकि पुलिस ने इसे पारिवारिक रंजिश बताते हुए मृतक की दो बहनों और उनके पतियों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुणे के नाना पेठ इलाके में रविवार रात करीब 9 बजे अचानक से आए गुंडों ने वहां खड़े शख्स पर पहले 5 राउंड फायरिंग की और फिर उस पर धारदार हथियार से हमला कर दिया. गंभीर रूप से घायल शख्स को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई. इस वारदात में जान गंवाने वाले शख्स राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पूर्व नगरसेवक वनराज आंदेकर थे.
सरेआम हुआ ये खूनी खेल जितना डरावना है, इसकी हकीकत उतनी ही हैरान करने वाली है. हत्या का आरोप आंदेकर की दो सगी बहनों और जीजा पर लगा है.
दो बहन और दो जीजा गिरफ्तार
पुणे के संयुक्त पुलिस आयुक्त रंजन कुमार शर्मा ने कहा कि मृतक वनराज आंदेकर के पिता ने शिकायत में उनकी दो बहनों और दो जीजा पर शक जताया है. चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है.
गिरफ्तार आरोपियों में वनराज आंदेकर की दो सगी बहनें संजीवनी कोमकर और कल्याणी कोमकर के साथ ही दोनों के पति यानी मृतक के जीजा जयंत कोमकर और गणेश कोमकर हैं.
परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद
पता चला है कि परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था और हाल ही में जीजा के एक अवैध निर्माण पर कार्रवाई हुई थी. दोनों बहनों को शक था कि उसके पीछे भाई का हाथ था, जिसे लेकर मामला पुलिस थाने मे भी गया था.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पारिवारिक मामला था, इसलिए दोनों को समझा-बुझाकर भेज दिया गया था. हालांकि शाम को वनराज की हत्या हो गई. उन्होंने बताया कि जांच की जा रही है कि हत्या के पीछे क्या वजह है.
वारदात को अंजाम देने वालों की तलाश
पुलिस ने मामले में बहन और जीजा को तो गिरफ्तार कर लिया है लेकिन वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों की तलाश जारी है. इसके लिए क्राइम ब्रांच की अलग अलग टीमें बनाई गई हैं.
पुणे में आंदेकर परिवार का आपराधिक और राजनीतिक इतिहास रहा है. वनराज के पिता बंडू उर्फ सूर्यकांत आंदेकर को गैंगस्टर प्रमोद माल वाडकर की हत्या के लिए सजा हो चुकी है और वह मकोका के तहत भी गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि वनराज की मां और भाई भी पहले नगरसेवक रह चुके हैं.