फरीदाबाद: साइबर पुलिस ने 1548 वारदातों को अंजाम देने वाले गैंग का किया पर्दाफाश; 3 विदेशी नागरिक सहित 8 गिरफ्तार

आरोपी फेसबुक पर विदेशी नागरिक की फर्जी आईडी बनाकर पहले दोस्ती करते थे. फिर विदेश से गिफ्ट भेजने व कस्टम ड्यूटी और टैक्स के नाम पर पैसे ऐंठ लेते थे.

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फरीदाबाद:

फरीदाबाद साइबर पुलिस की तरफ से साइबर ठगों पर लगातार एक के बाद एक कार्रवाई की जा रही है. देशभर में साइबर क्राइम की 1548 वारदातों को अंजाम देने वाले एक गैंग का पर्दाफाश पुलिस ने किया है. पुलिस ने  गैंग में शामिल  3 विदेशी नागरिकों व 1 महिला सहित 8 आरोपियों को  गिरफ्तार किया है.  जानकारी के अनुसार आरोपी फेसबुक पर विदेशी नागरिक की फर्जी आईडी बनाकर पहले दोस्ती करते थे. फिर विदेश से गिफ्ट भेजने व कस्टम ड्यूटी और टैक्स के नाम पर पैसे ऐंठ लेते थे. आरोपियों के बैंक खातों 25 करोड़ रुपए के लेन देन होने की बात भी सामने आयी है.

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 40 मोबाइल, 37 सिम कार्ड, 03 पासपोर्ट, 40 पासबुक, 49 चेकबुक, 50 एटीएम कार्ड, 11 आधार कार्ड, 06 पैनकार्ड, दो पेन ड्राइव, आधार कार्ड में पता बदलने के काम में प्रयुक्त कंप्यूटर व प्रिंटर तथा 1.39 लाख रुपए नगद बरामद किए हैं.

डीसीपी हेडक्वार्टर नीतीश अग्रवाल ने पुलिस आयुक्त कार्यालय सेक्टर 21C में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में 3 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमे नाइजीरिया के रहने वाले गैब्रियल व किंग्सले तथा घाना के रहने वाले गॉडविन का नाम शामिल है. जो फिलहाल दिल्ली में रह रहे थे. आरोपी गॉडविन का वीजा फरवरी 2021 तथा किंग्सले का वीजा 10 महीने पहले एक्सपायर हो चुका था जो अवैध रूप से भारत में रह रहे थे.

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इसके अलावा महिला आरोपी युर्थिंग्ला वारोंग उर्फ मम्मी जो मणिपुर की रहने वाली है और फिलहाल दिल्ली में रह रही थी को भी गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मुंबई के रहने वाले हरीश, फिरोज अंसारी, नोएडा के रहने वाले राजकुमार उर्फ राजू व सफ़र उद्दीन और दिल्ली के रहने वाले सुशील तिवारी को गिरफ्तार किया गया है.

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आरोपियों ने दिसंबर 2021 में फरीदाबाद निवासी रामकिशोर के साथ साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था जिसमें उन्होंने रामकिशोर के साथ 7.39 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी. पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस थाना साइबर अपराध में दी जिसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ षडयंत्र, धोखाधड़ी तथा फर्जी कागजात बनाकर उपयोग में लेने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई.

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पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा ने इस मामले में शामिल आरोपियों की धरपकड़ के लिए साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बसंत की अगुवाई में टीम का गठन किया जिसमें उप निरीक्षक प्रवीण, एसआई दीपक, शिवराज, प्रधान सिपाही भूपेंद्र, महिला प्रधान सिपाही अंजू, सिपाही आजाद, राकेश तथा अंशुल का नाम शामिल था. 

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