3 राज्य, 3 फैक्ट्रियां और 325 करोड़ की ड्रग्स... कौन है दाऊद का वो खास गुर्गा, जो शान से चला रहा था ड्रग्स कारोबार?

अभी पुलिस के सामने बड़ी चुनौती ये पता करना है कि करोड़ो की ये ड्रग्स कहां जाने वाली थी. दूसरा ये गिरोह कोडवर्ड में बातचीत करते थे, जिसे डिकोड करना अभी बाकी है.

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मुंबई:

मुंबई से सटे मीरा भाईंदर पुलिस ने ड्रग्स की अलग-अलग फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ कर 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की इस कार्रवाई के बात जो खास बात सामने आई है वो है कि चारों गिरोह अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम के खास गुर्गे सलीम डोला से जुड़े हैं. पुलिस के मुताबिक सलीम डोला ही सभी को संचालित कर रहा है. विदेश में छिपे सलीम डोला के खिलाफ हाल ही में रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुई है. पुलिस ने तीन फैक्ट्रियों से 325 करोड़ की ड्रग्स और 4 बंदूके भी जब्त की हैं.

ये फैक्ट्रियां तेलंगाना, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र में चल रही थीं और इनका सरगना अंडरवर्ल्ड सरगना सलीम डोला इस्तांबुल में बैठा है. डोला पर आरोप है कि इकबाल मिर्ची के बाद डोला ही दाऊद के नशे के काले धंधे को चला रहा है.

पुलिस के मुताबिक पहली गिरफ्तारी मई महीने में हुई थी जब लोकसभा चुनाव के दौरान नाकाबंदी में एक गाड़ी पकड़ी गई थी. तब गिरफ्तार आरोपियों के पास से 2 करोड़ की ड्रग्स मिली थी. एनडीपीएस कानून के तहत जब क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर गिरफ्तार आरोपियों शोएब मेमन और निकोलस टायटस से पूछताछ की तो तेलंगाना की फैक्ट्री का पता चला.

पुलिस की टीम ने तेलंगाना के विखराबाद के जंगल में ड्रग्स की फैक्ट्री पर छापा मारकर वहां से 25 करोड़ की ड्रग्स बरामद किया. मौके से गिरफ्तार दयानंद मुद्दनार और नासिर शेख से पुछताछ में उत्तर प्रदेश में जौनपुर की फैक्ट्री का पता चला.
उसके बाद महाराष्ट्र के पडघा और गुजरात के सूरत में ड्रग्स तस्करी के जाल मिले. 

आगे जांच में पता चला कि ड्रग्स बनाने और बेचने के जरूरी आदेश विदेश में बैठे सलीम डोला से मिल रहे थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक मामले में गिरफ्तार उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के आरोपी अमीर तौफिक के मोबाइल में सलीम के साथ रुपयों के लेन देन की चैट भी मिली.

3 राज्यों तक फैले नशे के इस नेटवर्क में अकेले उत्तर प्रदेश के कुल 8 आरोपी पकड़े गए हैं. उनमें से एक अभिषेक उर्फ शुभम जिसे नाला सोपारा से पकड़ा गया उसके पास से 4 बंदूक और 33 जिंदा कारतूस भी बरामद हुए हैं.

एमबीवीसी पुलिस आयुक्त मधुकर पांडे ने बताया कि हमने चेन ऑफ ऑपरेशन चलाकर इस मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. सबसे पहले हमने 15 मई तो दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास कम मात्रा में ड्रग्स मिली थी. लेकिन बाद में उनसे पूछताछ के बाद इस पूरी चेन का पता चला.

अभी पुलिस के सामने बड़ी चुनौती ये पता करना है कि करोड़ो की ये ड्रग्स कहां जाने वाली थी. दूसरा ये गिरोह कोडवर्ड में बातचीत करते थे, जिसे डिकोड करना अभी बाकी है.

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