नशे के धंधे की रीढ़ तोड़ने के लिए काली कमाई पर वार, फाइनेंशियल जांच और जब्ती पर जोर

ड्रग्स माफिया की असली ताकत उनका पैसा है, तस्कर पकड़े भी जाएं, तो काली कमाई से नया नेटवर्क खड़ा कर लेते हैं. यही पैसा अपराध, हिंसा और आतंकवाद की जड़ है. इसी वजह से दिल्ली पुलिस अब फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन को उतनी ही प्राथमिकता दे रही है.

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नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस ने नशे के कारोबार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को एक नई धार दी है. अब सिर्फ ड्रग्स की बरामदगी या तस्करों की गिरफ्तारी ही नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क को उखाडने की मुहिम तेज़ कर दी गई है. पुलिस का मानना है कि असली ताकत तस्करों के पास मौजूद पैसा है, जो न सिर्फ अपराध को जिंदा रखता है, बल्कि आतंकवाद को भी फंड करता है. इसी सोच के साथ अब NDPS एक्ट की धारा 68 के तहत अवैध संपत्ति की जांच और जब्ती को प्राथमिकता दी जा रही है.

पैसे की नब्ज़ पर वार क्यों ज़रूरी?

ड्रग्स माफिया की असली ताकत उनका पैसा है, तस्कर पकड़े भी जाएं, तो काली कमाई से नया नेटवर्क खड़ा कर लेते हैं. यही पैसा अपराध, हिंसा और आतंकवाद की जड़ है. इसी वजह से दिल्ली पुलिस अब फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन को उतनी ही प्राथमिकता दे रही है, जितनी ड्रग्स की बरामदगी को. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) अब तस्करों की गिरफ्तारी के साथ-साथ उनकी संपत्ति, बैंक खातों, डिजिटल वॉलेट और बेनामी संपत्तियों की गहन जांच कर रही है.

  • फाइनेंशियल प्रोफाइलिंग: हर आरोपी और उसके परिवार की संपत्ति की पड़ताल
  • डिजिटल ट्रेल: बैंकिंग, ऑनलाइन ट्रांसफर, वॉलेट और डिजिटल लेन-देन की जांच
  • संपत्ति की जब्ती: आलीशान मकान, फार्महाउस, लग्ज़री गाड़ियां, दुकानें, सबकी पहचान और ज़ब्ती
  • टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल: NIDAAN, FIU और डिजिटल डेटाबेस से पैसों की पूरी चैन को ट्रैक करना

अब तक की कार्रवाई और असर

2023 में ₹38 लाख की संपत्ति 3 तस्करों से ज़ब्त की गई. फिर साल 2024 में करीब ₹5 करोड़ की संपत्ति 28 तस्करों से फ्रीज़ की गई, जिसमें से 4.5 करोड़ अकेले ANTF ने किया. इसके बाद 2025 (15 सितम्बर तक) में ₹21.5 करोड़ की संपत्ति 30 तस्करों से ज़ब्त हुई है. जबकि ₹5 करोड़ की संपत्ति पर अभी भी जांच जारी है. पहले जहां एक तस्कर पकड़ा जाता था, वहां दूसरा उसकी जगह ले लेता था. अब पैसे की नब्ज़ पकड़ कर पूरा नेटवर्क हिल रहा है, क्योंकि मुनाफा कम हो रहा है और नए लोगों की हिम्मत टूट रही है.

नई रणनीति के अन्य पहलू

  • पुलिस अफसरों को फाइनेंशियल क्राइम और क्रिप्टो ट्रेसिंग की ट्रेनिंग
  • ANTF में अलग फाइनेंशियल यूनिट्स
  • कोर्ट और अन्य एजेंसियों से तेज़ कानूनी तालमेल
  • अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ साझेदारी, ताकि पैसों का फ्लो विदेशों तक पकड़ा जा सके

पुलिस की सख्त चेतावनी

स्पेशल सीपी क्राइम ब्रांच और ANTF प्रमुख, देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने साफ कहा कि ड्रग्स तस्करों को अब उनके गुनाह का पैसा चैन से बैठकर खाने नहीं दिया जाएगा. हम उनकी कमाई की जड़ तक पहुंचेंगे और उसे छीन लेंगे. यही असली वार है जो इस धंधे की रीढ़ तोड़ देगा.” दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोल्छा की अगुवाई में यह मिशन ‘नशा मुक्त दिल्ली' की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है.

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