दिल्ली पुलिस ने 24 साल पहले एक अजीबोगरीब घटना में एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसे आधिकारिक दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया था. 1991 में चोरी के एक मामले में वांटेड एक 56 साल के अर्जुन सिंह को सभी आधिकारिक कागजात में 'मृत' घोषित कर दिया गया था, दिल्ली पुलिस ने 24 साल पहले उसकी तलाश बंद कर दी थी. हालांकि बवाना पुलिस को हाल ही में आरोपी के बारे में कुछ जानकारी मिली थी और इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए छापेमारी शुरू की.
इस मामले में सबसे पहले अदालत में आरोपी द्वारा मुहैया कराई गई दस्तावेजों की जांच की गई. फिर लंबी जांच के बाद आरोपी अर्जुन के सहयोगी चरण सिंह को फरीदाबाद के एक गांव से गिरफ्तार किया गया. चरण भी 1998 से फरार चल रहा था, और फरीदाबाद में एक बाबा बनकर रह रहा था उसके करीब 500 फॉलोवर हैं. चरण से पूछताछ के बाद फरीदाबाद के बाद ददसिया गांव से 4 घण्टे की कॉम्बिंग के बाद आरोपी अर्जुन सिंह को गिरफ्तार कर लिया. उसकी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ 1991 में अलीपुर थाने में चोरी का मामला दर्ज किया गया था.
इसके बाद ये मामला अदालत में था. हालांकि 1998 में अदालत में पेश किए गए आधिकारिक दस्तावेजों में उसे 'मृत' घोषित कर दिया गया था.पुलिस के मुताबिक उसने जाली दस्तावेज बनवाये और छिप गया.इसके बाद अगले 24 साल तक वो पहचान बदलकर रहता रहा. यह स्वीकार करते हुए कि आरोपी मर चुका है, अदालत ने उसकी फाइल को लंबित छोड़ दिया. बाहरी उत्तरी दिल्ली के डीसीपी देवेश कुमार महला ने कहा कि पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है कि उसके नकली कागजात बनाने वाले की भी तलाश की जा रही है.
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