दिल्ली के जीटीबी एन्क्लेव में 20 वर्षीय युवती की हत्या का मामला सामने आया था, शुरुआत में तो लगा कि इस मामले में एक तरफा प्यार का मामला हो सकता है. लेकिन अब पता चला है कि इस हत्याकांड के लिए पूरी प्लानिंग की गई थी. सायरा परवीन की 14 अप्रैल को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वह डिनर के बाद बाहर निकली थी. जब उसके परिवार ने उसकी तलाश शुरू की, तो उसका खून से लथपथ शव सड़क पर मिला, जिस पर दो गोलियां लगी थीं.
सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग
पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और एक संदिग्ध की पहचान की. बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. रिजवान ने पुलिस को बताया कि वह सायरा से शादी करना चाहता था, लेकिन उसने मना कर दिया था और उससे दूर रहने को कहा था. इस बात से परेशान होकर उसने उसे गोली मार दी. पहली नजर में यह हत्या एक ठुकराए प्रेमी द्वारा महिला पर किया गया हमला लग रहा था. लेकिन आगे की पूछताछ में एक अन्य अपराध से जुड़ी भयावह योजना का पता चला.
एक मर्डर की गवाह थी सायरा
करीब चार महीने पहले, पूर्वी दिल्ली के नंद नगरी में कुछ लोग सायरा को परेशान कर रहे थे. राहगीर राहुल ने यह देखा और मदद के लिए आया. तब राहुल और सायरा को परेशान करने वालों में कहासुनी हो गई. यह झड़प मारपीट में बदल गई और राहुल की हत्या कर दी गई. इसके बाद जांच में सायरा को हत्या के मामले में अहम गवाह बनाया गया. शाहदरा के पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने कहा कि राहुल के चाचा किशन ने राहुल की मौत के लिए सायरा को जिम्मेदार ठहराया. उनका मानना है कि अगर उस दिन सायरा का झगड़ा नहीं होता तो राहुल बीच में नहीं आता और उसकी हत्या नहीं होती.
दादा बनने की थी ख्वाहिश
पुलिस के अनुसार, किशन और फिरोज को यह भी संदेह था कि सायरा कुछ आरोपियों से दोस्ती कर रही है और अदालत में अपने बयान से पलट सकती है और उसका बयान केस को कमजोर कर सकता है. इसलिए उन्होंने उसकी हत्या की साजिश रची और किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी जो उसे मौत के घाट उतार सके. यहीं से रिजवान की भूमिका सामने आई. 20 वर्षीय रिजवान ने पुलिस को बताया कि वह इलाके का "दादा" बनना चाहता था और खुद को साबित करने के लिए उसने यह काम किया. रिजवान ने सबसे पहले सोशल मीडिया पर सायरा से दोस्ती की और चैटिंग शुरू की. फिर उन्होंने मिलने का फैसला किया.
शुरुआत में मर्डर के लिए मिले 15000
14 अप्रैल को उनकी तीसरी मुलाकात हुई, इस बार रिजवान ने मौका देखकर सायरा की गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने पाया कि किशन ने रिजवान को 15,000 रुपये दिए थे और काम के बाद एक लाख रुपये देने का वादा किया था. उसने हत्या के लिए एक पिस्तौल और चार गोलियां भी मंगवाई थीं. रिजवान के बयान और नए खुलासे के आधार पर किशन और फिरोज को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने नकदी और हथियार बरामद कर लिया है. गौतम ने बताया कि किशन के खिलाफ पहले भी तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं.