21 लाख की लूट के बाद भंडारे से 'पाप धोने' का प्रयास, दो वारदातों को अंजाम देने के आरोप में 5 गिरफ्तार

जांच में यह देखा गया है कि अपराधी उन लोगों और कारोबारियों को निशाना बनाते हैं जो थोक सामान की दुकानों से कैश इकठ्ठा करते थे क्योंकि इन दुकानों में आमतौर पर नगदी से ही काम होता है.

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पुलिस ने लूट की दो घटनाओं को अंजाम देने के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.
नई दिल्ली:

मध्य दिल्ली पुलिस ने 5 शातिर लुटेरों को गिरफ्तार किया है. लुटेरों ने लूट की 2 घटनाओं को अंजाम दिया था और फिर उसी लूट के पैसे से भंडारा आयोजित किया. मध्य दिल्ली की डीसीपी श्वेता चौहान के मुताबिक 24 जून को एक कंपनी में काम करने वाले गगन शर्मा ने बताया कि पटेल नगर इलाके में बाइक सवार 2 लड़कों ने गन पॉइंट पर दिनदहाड़े उससे 21 लाख से ज्यादा रुपये लूट लिए. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की. सीसीटीवी फुटेज की जांच से पता चला कि मौके पर मौजूद लुटेरों की संख्या तीन थी और उन्होंने वारदात को अंजाम देने के लिए लाल रंग की बाइक का इस्तेमाल किया था. टीम ने अपराधियों के तौर-तरीकों और वो किस इलाके में वारदात करते हैं उसका विश्लेषण किया. 

जांच में यह देखा गया है कि अपराधी उन लोगों और कारोबारियों को निशाना बनाते हैं जो थोक सामान की दुकानों से कैश इकठ्ठा करते थे क्योंकि इन दुकानों में आमतौर पर नगदी से ही काम होता है. टीम ने पटेल नगर से पंजाबी बाग तक 300 से अधिक कैमरों की फुटेज चेक की, जिससे पता चला कि लुटेरों ने बिना नंबर प्लेट की चोरी की बाइक से लूट को अंजाम दिया. लूट को अंजाम देने के बाद लुटेरे बाइक को पार्किंग में छोड़कर ऑटो में सवार होकर पंजाबी बाग में उतर गए. इसके बाद, उन्होंने कश्मीरी गेट तक पहुंचने के लिए एक ई रिक्शा लिया. आगे उन्होंने ई-रिक्शा को बदल दिया और फिर से लोनी, गाजियाबाद तक पहुंचने के लिए ऑटो लिया. उन्होंने वाहनों को बदला ताकि पुलिस उनके भागने के मार्ग का पता न लगा सके. 

पटेल नगर की लूट की घटना के बाद छह दिनों तक टीम ने कड़ी मेहनत की, पटेल नगर से बुराड़ी तक 17 किलोमीटर की दूरी के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले. बाद में पता चला कि ये लूट एक हत्या के आरोपी द्वारा की गई है जो हाल ही में 12 साल जेल में बिताने के बाद छूट कर आया है. उसकी पहचान मोती नगर निवासी सूरज ठाकुर के रूप में हुई. 

इसके अलावा आरोपी व्यक्तियों की पहचान के बाद, उनके सहयोगियों की भी तकनीकी निगरानी के माध्यम से पहचान की गई. सह-आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम को नैनीताल, रुद्रपुर और हरिद्वार भेजा गया था, लेकिन आरोपी वहां से भागने में सफल रहे. करीब एक हजार किलोमीटर के पीछे के बाद उनमें से दो यानी राजेंद्र और बादल को दिल्ली में राजघाट से पकड़ा गया. इसके अलावा, उनके खुलासे पर मोती नगर, पलवल और सनलाइट कॉलोनी से तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. 

आरोपियों ने 31 मई को को बुराड़ी इलाके में गन प्वाइंट मनी ट्रांसफर की दुकान चलाने वाले एक दुकानदार मोहम्मद आसिफ मुमताज से 40 हजार रुपये लूट लिए थे. दोनों लूट एक ही तरह से और एक ही चोरी की बाइक यानी रेड कलर की पैशन से की गई थी. एक ई-रिक्शा चालक जो इस मामले में इन अपराधियों का मुखबिर है, अभी फरार है, उसकी तलाश की जा रही है. 

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