फर्जी कॉल सेंटर्स के जरिए विदेशी नागरिकों से साइबर ठगी, ईडी ने 2.83 करोड़ की संपत्तियां अटैच कीं

जांच की शुरुआत उस समय हुई जब आयरलैंड की एक नागरिक मिस कार्मेल फॉक्स से साइबर ठगी की सूचना NCB आयरलैंड ने CBI के माध्यम से ED को भेजी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

प्रवर्तन निदेशालय पटना ज़ोनल ऑफिस ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 2.83 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियां अटैच की हैं. यह कार्रवाई PMLA के तहत की गई है. मामला कोलकाता की दो कंपनियों Scrapix Consultancy Services Pvt. Ltd. और Casanovus Reality Pvt. Ltd.से जुड़ा है, जिनके मालिक सागर यादव और उनके साथी हैं. अटैच की गई संपत्तियों में जमीन, फ्लैट्स और फिक्स्ड डिपॉजिट शामिल हैं.

विदेशी महिला से ठगी, भारत लाए गए पैसे

जांच की शुरुआत उस समय हुई जब आयरलैंड की एक नागरिक मिस कार्मेल फॉक्स से साइबर ठगी की सूचना NCB आयरलैंड ने CBI के माध्यम से ED को भेजी. इसके बाद ईडी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. ईडी के मुताबिक, आरोपी सागर यादव और उसके साथियों ने फर्जी कॉल सेंटर्स बनाकर विदेशी नागरिकों को निशाना बनाया, इस ठगी से कमाई गई रकम वेस्टर्न यूनियन, मनीग्राम, रीवायर, रेमिटली और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए भारत लाई गई. इसके बाद इस रकम को Lenden Club, Lendbox, Liquiloans जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किया गया.

कंपनियों के नाम पर खरीदी गई करोड़ों की संपत्ति

जांच में यह भी सामने आया कि सागर यादव ने POC यानी अपराध से कमाई गई रकम से कोलकाता में दो कंपनियों के नाम पर करीब 2.67 करोड़ रुपये की संपत्तियां खरीदीं. इसके अलावा 15.75 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट भी अटैच की गई हैं. अब तक ईडी ने इस मामले में सागर यादव सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ एक मुख्य चार्जशीट के साथ दो सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी हैं. ईडी की इस कार्रवाई से साफ है कि साइबर फ्रॉड के जरिए विदेशों में की गई ठगी अब भारत में निवेश और संपत्ति के ज़रिए मनी लॉन्ड्रिंग का जरिया बन रही है। फिलहाल मामले की जांच आगे भी जारी है.

एक दूसरे मामले में फर्जी कॉल सेंटर चलाने वालों की 7.31 करोड़ की संपत्ति अटैच

वहीं एक दूसरे मामले में प्रवर्तन निदेशालय  जालंधर जोनल ऑफिस ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में लुधियाना और मोहाली में स्थित 7.31 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच कर दिया है. यह कार्रवाई PMLA के तहत की गई. यह मामला अंकुश बसी, पीयूष मलिक, गुरमीत सिंह गांधी और उनके अन्य साथियों द्वारा फर्जी कॉल सेंटर चलाने से जुड़ा है, जिसमें विदेशी नागरिकों से धोखाधड़ी की गई.

ऐसे करते थे धोखाधड़ी
ईडी की जांच के मुताबिक, ये लोग खुद को टेक्निकल सपोर्ट या ग्राहक सेवा (कस्टमर केयर) प्रतिनिधि बताकर विदेशों में लोगों को कॉल करते थे और उन्हें गुमराह करके गिफ्ट कार्ड और वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टो करेंसी आदि) खरीदने के लिए मजबूर करते थे. बाद में इन गिफ्ट कार्ड्स और क्रिप्टो एसेट्स को भारत में कैश कराया जाता था और पैसों को कई बैंक खातों में घुमा-फिराकर मनी लॉन्ड्रिंग की जाती थी. ये खाते मुख्य तौर पर आरोपियों और उनके परिवारजनों के नाम पर थे.

अपराध की कमाई से खरीदी गई प्रॉपर्टी
जांच में यह भी सामने आया कि इस साइबर ठगी से जो पैसा कमाया गया, उससे लुधियाना और मोहाली में करोड़ों रुपये की अचल संपत्तियां खरीदी गईं. इन्हीं संपत्तियों को अब ईडी ने प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के तहत जब्त कर लिया है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
India-Afghanistan Relations: भारत-अफगान दोस्ती पर Pakistan की नींद उड़ गई! | Asim Munir
Topics mentioned in this article