दिल्ली पुलिस की एसीपी के घर में कथित रूप से प्रताड़ित बच्चे को सीडब्ल्यूसी ने रिहा करवाया

एसीपी के घर में काम करता था 12 वर्षीय बच्चा, एनसीपीसीआर ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को नोटिस भेजकर रिपोर्ट मांगी

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प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

गुमशुदा बच्चों को उनके परिवार के सुपुर्द करने का दावा करने वाली दिल्ली पुलिस की ही एक एसीपी के घर से 12 वर्षीय बच्चे को दक्षिणी जिले की चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने रिहा करवाया है. बच्चे से घर में घरेलू काम कराए जाते थे. रेस्क्यू के दौरान बच्चे के शरीर पर पिटाई के निशान भी दिखाई दिए हैं. इस संबंध में एनसीपीसीआर ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को नोटिस भेजकर  रिपोर्ट मांगी है. घटना 10 अक्टूबर की है लेकिन अभी तक इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया गया है.

जानकारी के अनुसार राजस्थान के बीकानेर के रहने वाले 12 साल के बच्चे को उसके मामा ने वर्तमान में प्रीत विहार में एसीपी के पद पर तैनात शिप्रा गिरी को दिया था. मासूम पिछले दो महीने से एसीपी की वसंत कुंज की सोसायटी के घर पर रह रहा था. बच्चे को घरेलू काम के लिए यहां लाया गया था. इस दौरान बच्चा किसी तरह घर से बाहर निकल गया और किसी दुकान के पास बैठा रो रहा था. तभी किसी  ने चाइल्ड लाइन को फोन कर सूचना दी. चाइल्ड लाइन टीम ने बच्चे को रिहा करवाया. पुलिस ने बताया कि बच्चे को रिहा कराकर  एसडीएम के सामने बयान दर्ज कराकर उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है. 

बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संवैधानिक संस्था राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य प्रज्ञा परांडे ने दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना को पत्र लिखकर कार्रवाई को लेकर रिपोर्ट मांगी है. एनसीपीसीआर के पत्र में बच्चे के साथ मारपीट और उत्पीड़न का भी आरोप है. बच्चे का मामा उसके पिता की जानकारी में बच्चे को घरेलू काम के उद्देश्य से लेकर आया था.

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