इंवेस्‍टमेंट के नाम पर निवेशकों से करोड़ों की ठगी, मुंबई क्राइम ब्रांच ने मुख्‍य आरोपी समेत 2 को दबोचा

गिरफ्तार आरोपियों हेतुल रमेशचंद्र रांका (38) और ओमकार शिवशंकर सिंह (45) ने मुंबई के गोरेगांव (पश्चिम) इलाके में स्थित अपने ऑफिस से फर्जी तरीके से ‘एजे एंटरप्राइजेज’ नामक कंपनी के नाम पर निवेश योजना चलाई.

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शिकायत मिलते ही पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई शुरू की. (प्रतीकात्‍मक फोटो)
मुंबई :

मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की प्रॉपर्टी सेल ने एक बड़े इन्वेस्टमेंट फ्रॉड का खुलासा किया है. क्राइम ब्रांच ने ‘एजे एंटरप्राइजेज' नामक कंपनी के माध्यम से निवेशकों को भारी मुनाफे का लालच देकर ठगने वाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी ने मुंबई, नवी मुंबई और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज समेत कई स्थानों से सैकड़ों निवेशकों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है. 

प्रॉपर्टी सेल की इस कार्रवाई को गोरेगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज CCTNS क्रमांक 0391/2025 और भारतीय न्यायिक संहिता 2023 की धारा 316(5), 318(4), 3(5), 111, 115(2), 351(3), 352 के तहत अंजाम दिया गया. 

कैसे दिया धोखाधड़ी को अंजाम?

गिरफ्तार आरोपियों हेतुल रमेशचंद्र रांका (38) और ओमकार शिवशंकर सिंह (45) ने मुंबई के गोरेगांव (पश्चिम) इलाके में स्थित अपने ऑफिस से फर्जी तरीके से ‘एजे एंटरप्राइजेज' नामक कंपनी के नाम पर निवेश योजना चलाई. आरोपी लोगों को बताते थे कि वे A4 साइज प्रिंटिंग पेपर की सप्लाई कॉरपोरेट कंपनियों को करते हैं और इस बिजनेस में निवेश करने पर हर महीने 12% से 18% तक रिटर्न मिलेगा.

विश्वास दिलाने के लिए कुछ शुरुआती निवेशकों को निश्चित अवधि तक भुगतान किया गया. इसके बाद उनका नेटवर्क एजेंट्स के जरिए तेजी से फैलाया गया और उन्हें कमीशन पर काम पर रखा गया, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग निवेश के लिए राजी हों. 

जब कुछ निवेशकों ने पैसे की वापसी की मांग की तो उनके साथ बदसलूकी और मारपीट तक की गई. 

गिरफ्तारी और जांच की कार्यवाही:

शिकायत मिलते ही पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई शुरू की. एजे एंटरप्राइजेज के ऑफिस में पुलिस की एक टीम को तैनात किया गया, जिससे आरोपी भाग न सके. सतर्क निगरानी और जांच के बाद आरोपी को हिरासत में लिया गया. 

प्रारंभिक पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी अंकित जैन और हेतुल रांका ने स्वीकार किया कि उन्होंने नकद, सोना और कीमती आभूषण लेकर लोगों से निवेश करवाया था. उनका कहना था कि उनकी कंपनी का ऑफिस उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भी है और वहां से भी निवेश लिया गया है.

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पुलिस को शक है कि इस घोटाले में 200 से 300 निवेशक शामिल हो सकते हैं और अब तक की ठगी की रकम कई करोड़ रुपये हो सकती है. आरोपियों के खिलाफ मुंबई के एलटी मार्ग थाने में भी पहले से मामला दर्ज है.

पुलिस अब इस मामले में और निवेशकों के बयान दर्ज कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि देश के किन-किन हिस्सों में आरोपी ने नेटवर्क फैला रखा है. 

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