12 की उम्र में किडनैप कर रेप...फिर अचानक लापता हुई लड़की; 10 साल बाद आकर कोर्ट में दी गवाही; दोषी को उम्रकैद की सजा

रेप के बाद बच्ची को मां के साथ दर-दर भटकना पड़ा, उसकी स्कूल की पढ़ाई तक छूट गई. जो लड़की अपने सुनहरे भविष्य के सपने संजोने में लगी हुई थी, रेप की घटना ने पलभर में उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी.

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चेन्नई:

एक दशक पहले लापता हुई एक युवती ने हाल ही में चेन्नई की एक अदालत में उस शख्स के खिलाफ गवाही दी, जिसने 12 साल की उम्र में उसे किडैनप कर उसके साथ रेप किया था. भरे हुए कोर्ट रूम में उस वक्त सन्नाटा छा गया जब 22 साल की इस युवती ने आकर अपने साथ हुई दरिंदगी की झकझोकर कर देने वाली आपबीती सुनाई. उसकी गवाही के आधार पर दोषी अब्बास अली को उम्रकैद की सजा सुनाई गई.

क्या है मामला

अंग्रेजी न्यूजपेपर टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला साल 2015 का है, जब पीड़िता अपने परिवार के साथ चेन्नई में एक मकान की पहली मंजिल पर रहती थी. मकान मालिक का दामाद अब्बास अली, जिसकी उम्र उस समय 41 साल थी. उसने 7 फरवरी 2015 को उसने बच्ची को किडनैप किया और चेन्नई से करीब 430 किमी दूर डिंडीगुल ले गया. वहां एक होटल में उसके साथ रेप करने के बाद उसने बच्ची को छोड़ दिया और वापस शहर लौट आया.

आरोपी के डर से बेटी के साथ भटकती रही मां

बच्ची के माता-पिता ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की और पुलिस ने दो दिन बाद उसे ढूंढ लिया. मां की शिकायत पर अब्बास अली के खिलाफ मामला दर्ज हुआ, लेकिन अगले ही दिन बच्ची फिर से लापता हो गई, परिवार दबाव में टूट गया. माता-पिता अलग हो गए और मां अपनी बेटी के साथ दक्षिणी तमिलनाडु के एक सुदूर गांव में गुमनामी में रहने लगी. लेकिन अली ने तब भी उनका पीछा किया और चेन्नई लौटकर गवाही देने पर जान से मारने की धमकी दी.

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स्कूल छोड़ करनी पड़ी मजदूरी

सुरक्षा के लिए मां-बेटी ने नई पहचान के साथ गांव-गांव भटकना शुरू किया. ट्रॉमा से जूझ रही बच्ची को कोई मनोवैज्ञानिक मदद नहीं मिली और उसने स्कूल छोड़ दिया. दोनों दिहाड़ी मजदूरी कर गुजारा करने लगे. एमकेबी नगर की ऑल-विमेन पुलिस ने हार नहीं मानी और इस साल की शुरुआत में पीड़िता को ढूंढ निकाला. विशेष लोक अभियोजक एस अनीता ने बताया कि पुलिस उसे कोर्ट तक लाई.

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कोर्ट में युवती ने हिचकिचाते हुए अपनी बात रखी और यौन शोषण से लेकर छुपकर जिए गए सालों का दर्द बयां किया. उसकी गवाही के आधार पर 3 अप्रैल को अब्बास अली को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता को 15 लाख रुपये मुआवजे के रूप में देने का भी निर्देश दिया.

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