ऑपरेशन चक्र में CBI की बड़ी कामयाबी, जापानी नागरिकों को ठगने वाले 6 साइबर ठग गिरफ्तार

सीबीआई ने आरोपियों को दबोचने के लिए जापान की नेशनल पुलिस एजेंसी और Microsoft कंपनी के साथ मिलकर जांच की.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

जापानी नागरिकों को ठगी मामले में सीबीआई को बड़ी कामयाबी मिली है. दरअसल CBI ने एक बार फिर बड़ी साइबर ठगी का पर्दाफाश करते हुए ऑपरेशन चक्र-V के तहत 3 राज्यों दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में एक साथ 19 ठिकानों पर छापेमारी की. इस कार्रवाई में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया और दो फर्जी कॉल सेंटरों को बंद कराया गया, जो जापान के नागरिकों को ठगने का काम कर रहे थे.

क्या था पूरा मामला

CBI को पुख्ता जानकारी मिली थी कि कुछ लोग खुद को Microsoft जैसी बड़ी कंपनियों का टेक्निकल सपोर्ट बताकर विदेशी नागरिकों, खासकर जापानी लोगों को निशाना बना रहे हैं. ये लोग फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे और फोन पर यह कहते थे कि उनके कंप्यूटर या मोबाइल में वायरस आ गया है फिर डराकर या बहला-फुसलाकर उनसे मोटी रकम अपने खातों में ट्रांसफर करवा लेते थे.

CBI और जापान की पुलिस की जॉइंट ऑपरेशन

CBI ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए तुरंत एक्शन लिया. आरोपियों को दबोचने के लिए जापान की नेशनल पुलिस एजेंसी और Microsoft कंपनी के साथ मिलकर जांच की. इंटरनेशनल कोऑपरेशन की बदौलत इस ठगी के नेटवर्क की परतें खुलती गईं और आखिरकार भारत में चल रहे इस बड़े साइबर रैकेट का भंडाफोड़ हो गया. इस गिरोह के लोग अब कानूनी शिकंजे में हैं.

CBI को क्या-क्या मिला

छापेमारी के दौरान CBI ने बड़ी मात्रा में डिजिटल सबूत, कंप्यूटर सिस्टम्स, स्क्रिप्ट्स, फर्जी डाटा और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं. शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि ये लोग काफी हाई लेवल की सोशल इंजीनियरिंग और टेक्निकल ट्रिक्स का इस्तेमाल करके लोगों को फंसा रहे थे.

गिरफ्तार किए गए आरोपी

  • अशु सिंह – दिल्ली
  • कपिल घटक – पानीपत (हरियाणा)
  • रोहित मौर्य – अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
  • शुभम जायसवाल – वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
  • विवेक राज – वाराणसी
  • आदर्श कुमार – वाराणसी

CBI का बयान

CBI ने साफ कहा है कि वह साइबर क्राइम जैसी तेजी से बढ़ती डिजिटल ठगी से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. देश और विदेश के एजेंसियों के साथ मिलकर ऐसे अपराधियों को पकड़ना और आम जनता को सुरक्षित रखना उनकी प्राथमिकता है. ऑपरेशन चक्र-V न सिर्फ भारत में चल रहे साइबर अपराधों की पोल खोलता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे इंटरनेशनल कोऑपरेशन से अपराधियों की पकड़ मुमकिन है. इस कार्रवाई से यह संदेश साफ है कि साइबर ठग अब कानून से बच नहीं पाएंगे. अगर आप भी किसी अनजान कॉल या टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर मांगी गई पेमेंट को लेकर संदेह में हैं, तो सतर्क रहें और तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें.

Featured Video Of The Day
PNB Fraud Case: भारत ने Mehul Choksi की हिरासत की शर्तों पर Belgium को दिया आश्वासन | BREAKING
Topics mentioned in this article