वर्ल्ड कप इतिहास का सबसे विवादित फाइनल ! जब अंधेरे में पूरा किया गया था मैच, ICC ने अंपायर तक को कर दिया था सस्पेंड

World Cup 2023: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विश्व कप का फाइनल खेला जाएगा. रविवार को यह मैच अहमदाबाद में खेला जाना है. भारतीय टीम तीसरी बार खिताब जीतने की कोशिश करेगी तो वहीं छठी बार ऑस्ट्रेलियाई टीम खिताब को जीतकर इतिहास बनाना चाहेगी.

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Most controversial WORLD CUP FINAL, जब अंधेरे में खेला गया फाइनल

Most controversial WORLD CUP FINAL: 2019 वर्ल्ड कप फाइनल को इंग्लैंड ने जीता था. बाउंड्री काउंट के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया था, आईसीसी ऑफिशियल के इस फैसले ने बवाल मचा दिया था. हर तरफ इसकी आलोचना हुई थी. वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल विवादित फाइनल के तौर पर याद किया जाता है. लेकिन इससे पहले साल 2007 में श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिजटाउन में खेला गया वर्ल्ड कप का फाइनल सबसे विवादित फाइनल के तौर पर याद किया जाता है. 

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फाइनल में हुई नाइंसाफी

2007 का क्रिकेट विश्व कप विवादों से भरा रहा था, खासकर बीच वर्ल्ड कप के दौरान पाकिस्तान के कोच  बॉब वूल्मर का मृत्यु होना. इसके अलावा इस वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान की टीम पहले ही राउंड से बाहर हो गई थी जिसने क्रिकेट के रोमांच को खत्म कर दिया था. भारत और पाकिस्तान के पहले ही राउंड से बाहर होने से आईसीसी को आर्थिक तौर पर काफी नुकसान हुआ था.  यही कारण था कि 2007 का वर्ल्ड कप सबसे बेरंग वर्ल्ड कप में से एक बन गया था.

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जब खेला गया सबसे विवादित फाइनल

इन सबसे अलावा वर्ल्ड कप 2007 का जो फाइनल खेला गया था वह काफी विवाद वाला रहा था. जिसे वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे विवादित फाइनल के तौर पर याद  किया जाता है. दरअसल,  28 अप्रैल 2007 को वर्ल्ड कप का फाइनल श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी की थी, बारिश के चलते मैच को 38-38 ओवर का खेला गया था. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट (Adam Gilchrist) ने फाइनल में कमाल की पारी खेली थी और 149 रन बनाए थे, जिसके दम पर ऑस्ट्रेलिया 281 रन बना पाने में सफल रही थी. गिलक्रिस्ट ने केवल 104 गेंद पर 149 रन ठोक दिए थे. गिलक्रिस्ट की तूफानी पारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने 38 ओवर में 4 विकेट पर 281 रन बनाए थे.

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इसके बाद जब श्रीलंका की टीम बल्लेबाजी करने आई तो उसका पहला विकेट 7 रनों पर ही गिर गया था, लेकिन इसके बाद सनथ जयसूर्या और कुमार संगाकारा ने मिलकर 116 रनों की साझेदारी कर श्रीलंका के लिए मैच बना दिया था. लेकिन इसके बाद मैच बदला और अगले तीन ओवरों में दोनों जमे हुए बल्लेबाज आउट हो गए. जयसूर्या 63 रन बनाकर आउट हुए तो वहीं कुमार संगकारा 54 रन बनाकर पवेलियन लौटे.

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यहां से मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पकड़ बनाना शुरू कर दिया था. श्रीलंका की पारी लड़खड़ाने लगी थी. इसी बीच मैच में एक बार फिर बारिश का खलल पड़ा और मैच को रोक दिया गया. जब बारिश के कारण खेल रोका गया था तो उस समय श्रीलंका के 3 विकेट 149 रन पर गिर गए थे. उस दौरान श्रीलंका ने 24.5 ओवर की बल्लेबाजी कर ली थी. क्रीज पर जयवर्धने और Chamara Silva  क्रीज पर मौजूद थे. इसके बाद जब बारिश रूकी और मैच को फिर से शुरू किया गया तो श्रीलंका को नया टारगेट मिला था. 

जब अंपायर ने खराब रोशनी के बाद भी श्रीलंका को बल्लेबाजी के लिए कहा

डकवर्थ लुईस नियम (DLS) के तहत अब श्रीलंका को 36 ओवर में 269 रनों का लक्ष्य मिला था. जब खेल फिर से शुरू हुआ तो श्रीलंकाई बल्लेबाज तेजी से रन बनाने के चलते एक के बाद एक पवेलियन लौटते चले गए थे. वहीं, जब 33 ओवर के बाद श्रीलंका का स्कोर 7 विकेट पर 206 रन था तभी बारिश ने फिर से दखल दी. कुछ समय बाद बारिश रुक गई लेकिन खराब रोशनी के कारण अंपायर मैच को शुरू नहीं करा पा रहे थे. लेकिन काफी कुछ सोचने के बाद अंपायर्स ने विवादित फैसला किया और श्रीलंका को बल्लेबाजी करने के लिए कहा . श्रीलंका का खेमा हैरान था. क्योंकि बल्लेबाजी के लिए रोशनी अनुकुल नहीं थी.

दरअसल, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया यह मैच डे मैच था. जिसके चलते फ्लड लाइट का इस्तेमाल नहीं किया गया था. ऐसे में श्रीलंका को खराब रोशनी में ही बल्लेबाजी करनी पड़ी. श्रीलंका को 18 गेंदों प 63 रन बनाने थे. जब श्रीलंका की टीम बल्लेबाजी कर रही थी तो उस समय रोशनी इतनी कम थी कि बल्लेबाज गेंद को अच्छी तरह से देख भी नहीं पा रहे थे. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने खराब रोशनी को देखते हुए उस 3 ओवर के दौरान स्पिनर और एंड्रयू साइमंड्स से गेंदबाजी कराई थी. आखिर में श्रीलंका 36 ओवर तक बल्लेबाजी करने में सफल रहा और 8 विकेट पर 215 रन ही बना सका. ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई टीम डकवर्थ लुईस नियम के तहत फाइनल मैच को 53 रन से जीत लिया था. 

अंपायर्स के फैसले पर उठे सवाल, आईसीसी ने किया सस्पेंड
बता दें कि जब खराब रोशनी के कारण खेल रूका था तो अंपायर के पास अगले दिन बचे हुए तीन ओवर करवाने का विकल्प मौजूद थे. लेकिन मैच रेफरी जेफ क्रो ने विवाद भरा फैसला किया था और खराब रोशनी में ही श्रीलंका को बल्लेबाजी के लिए कहा गया था. दरअसल, आखिरी के 3 ओवर जब फेंके जा रहे थे तो मैदान पर इतना अंधेरा था कि दर्शक खिलाड़ियों को अच्छी तरह से देख भी नहीं पा रहे थे. ऐसे में आईसीसी ने इस विवादित फैसले पर एक्शन लिया और दो ऑनफील्ड अंपायर, स्टीव बकनर और अलीम डार रिजर्व अंपायर रूडी कर्टजन और बिली बोडेन और मैच रेफरी जेफ क्रो को अगले ICC इवेंट तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया था. 
 

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