IND vs ENG: 18 साल का सूखा होगा खत्म! रिकॉर्ड में भारत का पलड़ा भारी, इन खिलाड़ियों पर जीत का दारोमदार

India vs England Test Series: 1932 से लेकर 2025 के 93 साल के दोनों टीमों के इतिहास में ये भारतीय क्रिकेट का 21वां इंग्लैंड दौरा है. इंग्लैंड से अबतक सिर्फ 3 बार टीम इंडिया विजयी होकर लौटी है. टीम के पास 2007 से चले आ रहे सूखे को खत्म करने का मौका होगा.

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India vs England: 18 साल का सूखा होगा खत्म!

क्रिकेट के जनक इंग्लैंड और उपनिवेशी भारतीय टीम के बीच पहली टेस्ट सीरीज़ लॉर्ड्स पर तकरीबन 100 साल पहले खेली गई थी. आज इस टेस्ट की यादें इसलिए भी अहम हैं क्योंकि उस टेस्ट में भारतीय कप्तान सीके नायडू ने दोनों पारियों में रन तो जोड़े (40 और 10 रन), लेकिन भारत की ओर से इकलौती हाफ सेंचुरी भारतीय मीडियम पेसर गुजरात के अमर सिंह के बल्ले से आई थी. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और विज्डन के मुताबिक दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज़ों में से एक लेन हट्टन एक वक्त अमर सिंह को दुनिया का बेहतरीन गेंदबाज़ मानते थे. मौजूदा सीरीज़ का बैलेंस भी गुजरात के ही जसप्रीत बुमराह की गेंदबाज़ी पर टिका है. 

बुमराह की फिटनेस पर टिका है जीत हार का कांटा

जसप्रीत बुमराह टीम इंडिया के साथ इंग्लैंड में हैं. नये कप्तान शुभमन गिल के लिए ये किसी बोनस से कम नहीं होगा कि जीनियस जसप्रीत बुमराह सीरीज़ की शुरुआत करें और आगे सारे टेस्ट खेल पाएं.

बॉर्डर-गॉवस्कर ट्रॉफी में सिडनी टेस्ट के दौरान उनका मैदान से बाहर निकलना और फिर अस्पताल तक जाना भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छे संकेत साबित नहीं हुए. कई मैचों के लिए उनकी गैरमौजूदगी का असर उसके बाद आईपीएल में मुंबई इंडियंस पर भी दिखा- जबतक वो बाहर रहे पांच बार की चैंपियन मुंबई हारती रही और उनके लौटते ही जीत की पटरी पर लौटते हुए नॉकआउट तक पहुंच गई. 

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ओपनर्स यशस्वी-केएल राहुल - ठोस शुरुआत की शर्त

गांडीव उठाओ – यशस्वी बनो!

यशस्वी जायसवाल का ये पहला इंग्लैंड दौरा है. लेकिन अबतक खेले गए 19 में से 9 विदेशी ज़मीन पर खेले गए टेस्ट मैचों में जायसवाल ने तकरीबन 45 के औसत से 700 से ज़्यादा रन बनाए हैं, 2 शतकीय पारियों के साथ. भारत के लिए फेल बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में जायसवाल सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बैटर रहे. हालांकि उन्हें लेकर इंग्लैंड के वॉर्म अप मैचों से उन्हें लेकर कोई अच्छी खबर नहीं आई है जो टीम मैनेजमेंट के लिए फिक्र की वजह हो सकती है. उम्मीद करनी चाहिए कि असली टेस्ट के वक्त हुनरमंद जायसवाल अपने असल फॉर्म में नज़र आएंगे.

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राहुल के हाथों में बागडोर

केएल राहुल आलोचनाओं के लंबे दौर को काफी पीछे छोड़ चुके हैं. एक वक्त प्लेइंग- XI में उनके लगातर बने रहने पर सवाल खड़े होते थे. लेकिन IPL के बाद इंग्लैंड के माहौल राहुल ने खुद को ढालने के संकेत दिए हैं. इंग्लैंड लायन्स के खिलाफ 116 और 51 की पारी से उनके और टीम के हौसले बुलंद हैं. बड़ी बात ये भी है कि राहुल ओपन करने से लेकर छठे नंबर तक कहीं भी बैटिंग का माद्दा दिखाया है.

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Photo Credit: X@BCCI

कोच गौतम गंभीर आग के बदले आग वाली  क्रिकेट खेलने की दलील देते हैं. इसलिए टीम इंडिया ‘बैज़बॉल' का जवाब आक्रमक अंदाज़ में ही देगी और इसलिए ओपनर्स के तौर पर जायसवाल-राहुल टीम इंडिया के जय-वीरू साबित  के साथ राहुल को पहले बैटिंग के लिए भेजना चाहेंगे. 

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मिडिल ऑर्डर में माद्दा

गिल के लिए ‘पटौदी मेडल' की दावेदारी

टीम इंडिया का बैटिंग ऑर्डर अभी सेट नहीं बताया गया है. लेकिन केविन पीटरसन जैसे दूसरे कई एक्सपर्ट्स कप्तान शुभमन गिल को तीसरे नंबर पर बैटिंग करते देखना चाहते हैं. शुभमन गिल को बेहद टैलेंटेड बैटर और कप्तान की शोहरत तो हासिल है. लेकिन गिल के 32 टेस्ट मैचों में उनका औसत 35 और विदेशी ज़मीन पर औसत 30 के करीब है.

विदेश में उनके नाम 1 और कुल 5 शतकीय पारियां हैं. गिल, 24 साल की उम्र में पांचवें सबसे युवा भारतीय कप्तान बने हैं. उन्हें अभी कप्तान बनाकर मैनेजमेंट ने नके लिए ये जय या क्षय की सीरीज बना दी है. कप्तान गिल जीते तो विजेता कप्तान के तौर पर ‘पटौदी मेडल' के हकदार हो जाएंगे. यही नहीं, भारतीय मीडिया उनकी गिनती सबसे युवा भारतीय कप्तान मंसूर अली खान पटौदी से भी कर सकती है. 

नायर का फायर – झुकेगा नहीं..

बड़ी राहत इंग्लैंड में करुण नायर के फॉर्म को लेकर है. 9 साल पहले चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ तब 24 साल के करुण नायर ने अपनी पहली ही शतकीय पारी को नाबाद ट्रिपल सेंचुरी में बदल कर कारनामा किया था. और फिर ये फाइटर बेहद लंबे वक्त तक संघर्ष ही करता रहा.

घरेलू क्रिकेट में शानदार पारियां (2024-25 रणजी ट्रॉफी में 54 के औसत से 863 रन और विजय हज़ारे ट्रॉफी में 390 के औसत से 5 शतकीय पारियां) और फिर इंग्लैंड की नॉर्थैम्पटन शायर काउंटी क्रिकेट में (2023-2024) में 57 के औसत से 736 रन को आखिरकार तवज्जो मिली. यही नहीं मौजूदा सीज़न में इंग्लैंड लायन्स के खिलाफ इंडिया-ए के लिए डबल सेंचुरी ने उनकी जगह प्लेइंग इलेवन में ना सिर्फ पक्की की है बल्कि उनसे मिडिल ऑर्डर में बड़ी उम्मीदें भी की जा रही हैं

साई संभालेंगे इंग्लैंड का स्विंग

मिडिल ऑर्डर में टीम इंडिया का एक और नायाब हीरा हैं चेन्नई के 23 साल के भारद्वाज साई सुदर्शन. मौजूदा साल में हुए आईपीएल में 55 के औसत से 759 रन बनाकर ऑरेंज कैप जीतने वाले साई सुदर्शन एथलीट मां-बाप के हुनरमंद एथलीट हैं. हालांकि साई सुदर्शन को इंग्लैंड में डेब्यू करने का मौका मिलेगा. लेकिन उनका टेम्परामेंट उनसे बड़ी उम्मीदें बंधाता है. इंग्लैंड का स्विंगगिंग कंडिशन जितनी बड़ी चुनौती है साई के लिए ये उतना ही बड़ा मौक़ा भी है.

उपकप्तान पंत पर भरोसा

ऋषभ पंत का ढाई साल पहले हुआ एक्सीडेंट, रिकॉर्ड 27 करोड़ रुपये में लखनऊ टीम के लिए उनकी खरीद जैसी बातें पुरानी तो पड़ चुकी हैं, लेकिन एक लिए एक टैग भी बन गई हैं.

आईपीएल के आखिर में उनका फॉर्म और टीम इंडिया के लिए उन्हें दी गई उपकप्तानी उनपर जताये गये भरोसे का सबूत हैं. पंत को ना सिर्फ इंग्लैंड में खेलने का अनुभव (8 टेस्ट, औसत 35, शतक 2) है बल्कि विदेशी ज़मीन पर उनके 43 में से 29 टेस्ट मैचों में 4 शतकीय पारियां उनपर बढ़ती ज़िम्मेदारी का अहसास भी दिलाती हैं. 

प्लेइंग XI चुनने का सिरदर्द

विराट कोहली और रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में इस बार टीम में यकीनन अनुभव की कमी है. अभिमन्यु ईश्वरन, नीतीश रेड्डी, रवीन्द्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, वाशिंगटन सुंदर, प्रसिद्ध कृष्णा, आकाशदीप, अर्शदीप सिंह, ध्रुव जुरेल के अलावा कुलदीप यादव और जसप्रीत बुमराह- इन सभी खिलाड़ियों में से किसी को भी किसी मैच की खास स्थिति, हालात या फिटनेस के आधार पर ही प्लेइंग XI  से बाहर किया जा सकता है. अगर ये फॉर्म में हों तो टीम मैनेजमेंट के लिए ये एक बढ़िया सिरदर्द है. 

मैच विनर बॉलर्स

जीनियस जसप्रीत बुमराह जब भी खेलें और फिट भी रहें तो दूसरे पेसर्स और स्पिनर्स के साथ टीम इंडिया का बॉलिंग कॉम्बिनेशन इंग्लैंड के हालात में उन्हें और घातक बना सकता है.

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इंग्लैंड के स्विंगिग कंडिशन में ये गेंदबाज़ चमकने का माद्दा तो रखते हैं. लेकिन घरेलू पिचों पर मेजबान बैटर्स इनके सामने बड़ी चुनौती बनकर खड़े रहेंगे.

चौथी बार इतिहास बनाने का मौका

1932 से लेकर 2025 के 93 साल के दोनों टीमों के इतिहास में ये भारतीय क्रिकेट का 21वां इंग्लैंड दौरा है. इंग्लैंड से अबतक सिर्फ 3 बार टीम इंडिया विजयी होकर (1971 में 1-0/3 टेस्ट की सीरीज़, कप्तान अजीत वाडेकर// 1986 में 2-0/ 3 टेस्ट की सीरीज़, कप्तान कपिलदेव// 2007 में 1-0/3 टेस्ट की सीरीज़, कप्तान राहुल द्रविड़) लौटी है. जबकि दो सीरीज ड्रा  हुई हैं और 15 मौकों पर भारत को हार का सामना करना पड़ा है.

भारत का पलड़ा भारी!

बात अगर भारत और इंग्लैंड के बीच हेड-टु-हेड रिकॉर्ड की करें तो दोनों देश 110 टेस्ट मुकाबलों में आमने-सामने आए हैं. इस दौरान भारत ने 61 टेस्ट जीते हैं, जबकि 44 में  टीम को हार मिली है.  वहीं 3 मुकाबले बेनतीजा रहे, जबकि दो मैच टाई पर समाप्त हुए. भारतीय टीम SENA देश- द.अफ्रीका. इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में पहले जीत हासिल कर चुकी है. इंग्लैंड के खिलाफ कुल टेस्ट मैचों में भी भारत का पलड़ा भारी होना मनोवैज्ञानिक तौर पर उन्हें पिछड़ने नहीं देगा. तो कुर्सी की पेटी संभालने का वक्त आ चुका है...

भारतीय टीम: शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (VC), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, अभिमन्यु ईश्वरन, साई सुदर्शन, करुण नायर, नीतीश रेड्डी, रविंद्र जडेजा, ध्रुव जुरेल, वाशिंगटन सुंदर, शार्दल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मो. सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, आकाश दीप, अर्शदीप सिंह और कुलदीप यादव.  

5 मैच की टेस्ट सीरीज़

  • पहला टेस्ट: जून 20-24, हेडिंग्ले-लीड्स
  • दूसरा टेस्ट: जुलाई2-6, एजबैस्टन- बर्मिंघम
  • तीसरा टेस्ट: जुलाई 10-14, लॉर्ड्स- लंदन
  • चौथा टेस्ट: जुलाई 23-27, ओल्ड ट्रैफर्ड- मैनचेस्टर
  • पांचवां टेस्ट: जुलाई 31- अगस्त 4, द ओवल- लंदन
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