धोनी 2004 के पाकिस्तान दौरे पर क्यों नहीं गए, क्योंकि सौरव गांगुली..." पूर्व चयनकर्ता ने दिया बड़ा बयान

2004 में पाकिस्तान दौरे पर गई भारतीय टीम के लिए एमएस धोनी को नहीं चुना गया था. लेकिन 2004 में, उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया और वे 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के लिए भारतीय टीम का भी हिस्सा थे.

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धोनी 2004 के पाकिस्तान दौरे पर क्यों नहीं चुने गए थे?
नई दिल्ली:

BCCI के पूर्व चयनकर्ता सबा करीम ने खुलासा किया कि उन्होंने 2004 में पाकिस्तान दौरे पर गई भारतीय टीम के लिए एमएस धोनी (MS Dhoni) का नाम सजेस्ट किया था, लेकिन बात नहीं बनी क्योंकि उस समय के कप्तान सौरव गांगुली ने उन्हें खेलते हुए नहीं देखा था. हाल ही में एक बातचीत के दौरान, सबा ने बताया कि उन्होंने धोनी को बिहार के लिए प्रदर्शन करते हुए देखा और उनके गेम से प्रभावित हुए. बता दें कि धोनी को पाकिस्तान के खिलाफ 2003-04 श्रृंखला के लिए नहीं चुना गया था, लेकिन 2004 में, उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था. वह 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के लिए भारतीय टीम का भी हिस्सा थे.

उन्होंने आगे बताया कि  “पहली बार जब मैंने एमएस धोनी को देखा, तो रणजी ट्रॉफी में उनका दूसरा साल था. वे बिहार के लिए खेलते थे. मैंने उन्हें बल्लेबाज़ी और कीपिंग करते हुए देखा था, और मुझे अब भी याद है कि जब वह बल्लेबाज़ी कर रहे थे, तो उनमें वह प्रतिभा थी जो हमने बाद में भी देखी थी, एक स्पिनर या तेज़ गेंदबाज़ के लिए बड़े ऊंचे शॉट खेलते हुए. विकेटकीपिंग के लिए जो फुटवर्क होना चाहिए उसमें थोड़ी कमी थी. हमने उस समय उनके साथ इस पर काम किया था और एमएस धोनी की महानता इसी में है कि उन्हें जो सिखाया गया था वह आज भी याद है. जब हम बातचीत करते थे तो वह इस बारे में बात करते थे. ये एमएस के करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था जहां वह वास्तव में आगे बढ़े. एकदिवसीय मैचों में, हमने उन्हें ओपनिंग करने देना शुरू कर दिया क्योंकि उनकी बल्लेबाज़ी बहुत मजबूत थी और वह तेज़ी से रन बनाते थे. 

“दूसरा निर्णायक मोड़ केन्या में भारत 'ए', पाकिस्तान 'ए' और केन्या के बीच त्रिकोणीय श्रृंखला थी. एमएस धोनी को खेलने का मौका इसलिए मिला क्योंकि दिनेश कार्तिक नेशनल टीम में शामिल हो रहे थे. वहां एमएस ने कीपिंग भी अच्छे से की और बैटिंग की तो पूछो ही मत! हमने पाक 'ए' के ​​खिलाफ दो बार खेला और उन्होंने सीरीज में बहुत अच्छी बल्लेबाजी की.'

“वहाँ से ये उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था और उसके बाद, उनका नाम चर्चा में था. मुझे ये भी याद है कि मैं उस समय कलकत्ता में था और सौरव कप्तान थे. मैं उनसे मिलने गया और मैंने उनसे कहा कि एक ऐसा कीपर है जिसे भारतीय टीम में आना चाहिए क्योंकि वह बहुत अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहा था और एक शानदार कीपर था. दुर्भाग्यवश, हमारे पाकिस्तान दौरे से ठीक पहले सौरव ने एमएस को खेलते हुए नहीं देखा था और उन्हें उस दौरे के लिए नहीं चुना गया था.
 

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