IPL 2024 Auction: दुबई में होने वाली नीलामी में 77 स्थान के लिए कुल 333 खिलाड़ी शामिल होंगे. इस नीलामी में सभी 10 फ्रेंचाइजी कुल 262.95 करोड़ रुपए खर्च कर सकती हैं.जो 77 स्थान उपलब्ध है उनमें से 30 स्थान विदेशी खिलाड़ियों के लिए हैं. इनमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों की फिर से अधिक मांग होगी क्योंकि विश्व कप विजेता कप्तान पैट कमिंस, विश्व कप फाइनल के नायक ट्रेविस हेड, विकेटकीपर जोस इंग्लिश और स्टार तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क दो करोड रुपए के आधार मूल्य वर्ग में शामिल हैं. जिन खिलाड़ियों पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी उनमें न्यूजीलैंड के रचिन रविंद्र भी शामिल हैं जिनका आधार मूल्य 50 लाख रुपए है. इस बार के ऑक्शन में बीसीसीआई ने टाई-ब्रेकर नियम (What is Tie-Breaker rule in IPL) को भी लागू किया है जिसमें फ्रेंचाइजी य़ह नियम तब लागू किा जाएगा जह दो या उससे ज्यादा फ्रेंचाइजी किसी ओक खिलाड़ी पर बराबर बोली लगाती है, और साथ ही स्क्वॉड को पूरा करने के लिए टीम के पास ज्यादा पैसे नहीं बचे होते हैं. तब इसके बाद नीलामीकर्ता खिलाड़ी को लेकर Tie बोली लगाने को कहते हैं.
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टाई-ब्रेकर नियम क्या है
टाई-ब्रेकर नियम तब लागू होगा जब एक फ्रेंचाइजी किसी खिलाड़ी के लिए अंतिम बोली लगाती है और दूसरे फ्रेंचाइजियों के साथ टाई पर होती है, इसके अलावा सीमित फंड के कारण अब कोई और बोली नहीं लगा सकती है. ऐसी परिस्थिति में अंतिम बोली लगाने के लिए टाई-ब्रेकर प्रक्रिया लागू किया जाएगा.
टाई-ब्रेकर नियम कैसे काम करता है?
टाई-ब्रेकर नियम (Tie-Breaker) में जिस टीम की बोली ज्यादा होती है, वह खिलाड़ी उस टीम का हो जाता है. हालांकि, खिलाड़ी को टीम के पर्स जितना ही पैसा मिलता है और बाकी रकम बीसीसीआई के पास चली जाती है. बीसीसीआई इसके लिए एक फॉर्म फिल करवाती है. उसमें सीक्रेट बोली का जिक्र होता है. यहां यह भी जानना दिलचस्प होगा कि अगर ऑक्शन के दिन किसी टीम का स्लॉट पूरा नहीं होता है तो वह अगले दिन अनसोल्ड खिलाड़ियों खरीदने पर विचार कर सकती है. बीसीसीआई ने टाईब्रेक बोली की राशि की कोई सीमा तय नहीं रखी है.
टाई-ब्रेक बोली बराबर हों तो क्या होगा?
यदि टाई-ब्रेक बोली भी दो या दो से अधिक फ्रेंचाइजी के लिए बराबर है तो उन्हें विजेता का फैसला होने तक प्रक्रिया को दोहराने के लिए फिर से बुलाया जाएगा. यानी अगर टाई-ब्रेकर बिड भी बराबर हो जाती है तो दोबारा इसी प्रक्रिया को अपनाया जाएगा. और तब तक प्रक्रिया को किया जाएगा, तब तक खिलाड़ी को किसी टीम में नहीं चला जाता है. हालांकि, बीसीसीआई टाई-ब्रेक बोली की राशि की घोषणा नहीं करेगा. बोली जीतने के बाद, फ्रेंचाइजी खिलाड़ी को लीग शुल्क का भुगतान करने के लिए एक अनुबंध साइन कराती है, जो कि अंतिम बोली होती है. बीसीसीआई को टाई-ब्रेक बोली की राशि को 30 दिनों के भीतर भुगतान करना होता है.
क्या आईपीएल ऑक्शन में कभी टाई-ब्रेकर बोली का उपयोग किया गया है?
2010 की आईपीएल ऑक्शन में कीरोन पोलार्ड और शेन बॉन्ड को टाई-ब्रेकर बोली के माध्यम से क्रमशः मुंबई इंडियंस और कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम ने अपनी टीम में शामिल किया था. 2012 की नीलामी चेन्नई सुपर किंग्स ने इस नियम के माध्यम से रवींद्र जड़ेजा को टीम में शामिल किया था. (भाषा के साथ)