Chinnaswamy stadium stampede: भगदड़ में जान गंवाने वाले को मुआवजे के सवाल पर NDTV से बोले BCCI सेक्रेटरी देवजीत सैकिया
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू का पहला आईपीएल खिताब जीतने का जश्न बुधवार को मातम में बदल गया जब जश्न में शामिल होने के लिये चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हजारों की संख्या में प्रशंसकों के उमड़ने से मची भगदड़ में 11 लोग मारे गए और लगभग 30 लोग घायल हो गए. खिलाड़ियों का सम्मान समारोह हालांकि स्टेडियम के भीतर जारी रहा.
टीम की एक झलक पाने के लिये स्टेडियम के बाहर हजारों की संख्या में प्रशंसक उमड़ पड़े जिन पर पुलिस नियंत्रण नहीं रख सकी. इसके लिये हल्का बलप्रयोग भी करना पड़ा. ये प्रशंसक स्टेडियम के भीतर घुसने की कोशिश में प्रवेश द्वार के बाहर ही भगदड़ का शिकार हो गए. वहीं इस घटना को लेकर बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने एनडीटीवी से बात की. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या बोर्ड मृतकों को मुआवजा देगी तो उन्होंने कहा कि सही समय आने पर इस पर फैसला लिया जाएगा.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव देवजीत सैकिया ने एनडीटीवी से इस दुर्घटना के बाद बात की है. देवजीत सैकिया ने इस दौरान कहा कि बोर्ड आने वाले समय में ऐसी घटना ना हो, इसको लेकर नियम बना सकता है. इस दौरान जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या बोर्ड इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों को मुआवजा देगी, इस पर सैकिया ने कहा,"अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. निश्चित तौर पर हम लोगों को जो करना है, हम उसके बारे में सोचेंगे."
देवजीत सैकिया ने आगे कहा,"लेकिन यह जो आज इवेंट हुआ है, इसका सबसे बड़ी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की है, जो बेंगलुरु की पुलिस है, लॉ एंड ऑर्डर के लिए जिम्मेदार लोगों की, इस आयोजन को लेकर तैयारी करनी चाहिए थी. और जो आयोजनकर्ता हैं, उन्हें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इस बारे में काम करना चाहिए था." "आप जो बोल रहे हैं, वो अच्छा विचार है, हम लोग सही समय आने पर जरूर इस पर निर्णय लेंगे."
वहीं आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल ने भी इसी तरह की भावना व्यक्त करते हुए कहा,"जो भी जांच की जानी है, संबंधित अधिकारी करेंगे. यह बीसीसीआई का कार्यक्रम नहीं था. यह दुखद है."
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ के कारण 11 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए. सिद्धारमैया ने कह,"चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास दो तीन लाख से अधिक लोग आए थे, किसी को भी इतनी भीड़ की उम्मीद नहीं थी." उन्होंने कहा,"आरसीबी के जश्न में मरने वालों में से अधिकांश युवा हैं. सरकार मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देगी."
उन्होंने घोषणा की कि घटना की मजिस्ट्रेट जांच की जाएगी. गंभीर रूप से घायलों का इलाज वैदेही अस्पताल और बोवरिंग अस्पताल में चल रहा है और मृतकों की संख्या बढने की आशंका है. उप मुख्यमंत्री डी के शिवाकुमार ने कहा,"भीड़ अनियंत्रित हो गई और पुलिस के लिये मुश्किल हो गया था जिससे हमें जुलूस रोकना पड़ा."
(भाषा से इनपुट के साथ)