इस अंदाज में जॉनसन ने नब्बे के दशक में 157.8 किमी/घंटा स्पीड निकाल उड़ा दिए थे ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों के होश, Video देखें

David Johnson: डेविड का अंतरराष्ट्रीय करियर नब्बे के दशक के मध्य में शुरू हुआ, लेकिन यह परवान चढ़ने से पहले ही पटरी से उतर गया

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David Johnson: भारत के पूर्व पेसर डेविड जॉनसन
नई दिल्ली:

जारी टी20 विश्व कप (T20 World Cup 2024) के बीच वीरवार को बहुत ही दुखद खबर आई, जब सोशल मीडिया के जरिए फैंस को यह खबर मिली भारत के पूर्व क्रिकेटर डेविड जॉनसन (David Johnson)  नहीं रहे. पहले तो इस तरह की खबर आई कि उनकी मौत बॉलकनी से गिरने से हुई, तो कुछ घंटे बाद पुलिस की ओर से यह भी बयान जारी हुआ कि जॉनसन की मौत की वजह आत्महत्या भी हो सकती है. पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. बहरहाल, नब्बे के दशक में करियर का आगाज करने वाले जॉनसन इनते साल बाद चर्चा में आए भी तो, तो गलत वजह से. बहरहाल, एक समय वह था, जब इस तूफानी पूसरे ने करीब 158 किमी/घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करके सनसनी मचा दी थी. 

पूर्व क्रिकेटर डेविड जॉनसन की मौत में आया नया मोड़, उठा यह बड़ा और गंभीर सवाल, पुलिस ने शुरू की जांच

एक आज का दौर है कि जब कोई गेंदबाज 155 किमी/घंटा की स्पीड निकालता है, तो वह कैसे रातों-रात बड़ा हीरो बन जाता है. पिछले दिनों आईपीएल में मयंक अग्रवाल और एक -दो सीजन पहले चमक जम्मू एंड कश्मीर के उमरान मलिक इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि अगर डेविड जॉनसन आज सोशल मीडिया के दौर में होते, तो उन्हें भारतीय क्रिकेट में किस तरह लिया जाता. नब्बे के मध्य के दशक में भी जॉनसन अपनी गति और घरेलू क्रिकेट के दम पर टीम इंडिया में पहुंचे, तो उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने का मौका मिला. 

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पहली पारी में कोई विकेट नहीं मिला था. 

जॉनसन ने साल 1996 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नई दिल्ली में टेस्ट करियर का आगाज किया. तब पहली पारी में कप्तान अजहर ने उनसे सिर्फ चार ओवर ही गेंदबाजी कराई और इसमें डेविड एक भी विकेट नहीं मिल सके थे, लेकिन उनकी स्पीड का असर कंगारू बल्लेबाजों पर दिख रहा था. दूसरी पारी में उन्होंने 12 ओवर फेंके और माइकल स्लेटर का विकेट लिया. स्लेटर दूर से ड्राइव करने गए, तो स्लिप में अजहर ने एक सुपर से ऊपर कैच लपककर उन्हें विदा कर दिया.  लेकिन इससे ज्यादा चर्चा उन्हें अपनी गति के लिए मिली, जब उन्होंने 157.8 किमी/घंटा की रफ्तार से बॉलिंग की. दिग्गज रिकी पोंटिंग भी उन्हें संभलकर खेलते दिखाई पड़े.

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प्रतिष्ठा के कारण दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गए

डेविड जॉनसन की गति सुर्खियां बटोर रही थीं, तो उन्हें कुछ ही महीने बाद दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए भारतीय टीम में जगह मिली. उन्हें डरबन में पहले टेस्ट में खिलाया गया. भारत को इस टेस्ट में 328 रन से मात मिली थी. डेविड जॉनसन को पहली पारी में दो विकेट मिले, तो दूसरी पारी में एक भी विकेट नहीं मिला. इस टेस्ट के बाद जॉनसन फिर कभी भारत के लिए नहीं खेले. और स्पीड का सौदागर गुमनामी में खो गया.
 

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