- वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ने भारतीय टीम में रवींद्र जडेजा को शामिल करने का सुझाव दिया था
- सहवाग ने बताया कि जडेजा की बल्लेबाजी और गेंदबाजी क्षमता दोनों को देखते हुए टीम में जगह दी गई थी
- धोनी ने जडेजा पर भरोसा जताया लेकिन उनकी टीम में एंट्री सहवाग और गंभीर की पहल से हुई थी
Virender Sehwag Big Statement: हर कोई जानता है कि रवींद्र जडेजा और एमएस धोनी काफी अच्छे दोस्त हैं. माही ने अपने कार्यकाल के दौरान जडेजा पर काफी भरोसा भी जताया. मगर बहुत कम लोगों को ज्ञात है कि जडेजा को भारतीय टीम में लाने का सुझाव धोनी का नहीं, बल्कि वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर का था. एक खास बातचीत के दौरान सहवाग ने बताया था, 'इंग्लैंड 2011 में भारतीय दौरे पर आई थी. उस दौरान मेरे और गौतम के बीच यह बातचीत हुई थी कि टीम में एक और ऐसा गेंदबाज होना चाहिए जो बल्लेबाजी करे और टेस्ट में 10 से 20 ओवरों की गेंदबाजी भी कर सके.'
सहवाग ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'उस दौरान हमने जडेजा का नाम सुना था कि उन्होंने बल्लेबाजी में 300, 200 रन बनाए हैं और सौराष्ट्र के लिए गेंदबाजी में 25 से 30 ओवरों की गेंदबाजी भी करते हैं. फिर मैंने एमएस को जाकर बोला कि ओझा (प्रज्ञान ओझा) और अश्विन (रविचंद्रन अश्विन) 20-20 ओवरों के बाद जब थक जाते हैं. उस दौरान हमें स्पिन को नहीं हटाना, बल्कि ऐसा कोई खिलाड़ी लेकर आए जो स्पिन भी करे और बल्लेबाजी भी कर सके.'
पूर्व ओपनर ने कहा, 'टीम में एक बल्लेबाज को कम खेलाएंगे. अश्विन और जडेजा बल्लेबाजी कर सकते हैं तो वे सातवें एवं आठवें स्थान पर खेल सकते हैं. इस तरह जडेजा की टीम में एंट्री हुई थी. नागपूर का आखिरी टेस्ट मैच था. वहां उन्होंने केविन पीटरसन को आउट किया था. फिर बल्लेबाजी की. उसके बाद से जडेजा माशा अल्लाह आगे ही जा रहे हैं.'
मौजूदा समय में रवींद्र जडेजा भारतीय टीम में टेस्ट और वनडे फॉर्मेट के अभिन्न अंग हैं. देश के लिए उन्होंने खबर लिखे जाने तक कुल 363 इंटरनेशनल मुकाबले खेले हैं. इस बीच उनके बल्ले से 304 पारियों में 7207 रन निकले हैं. वहीं गेंदबाजी के दौरान उन्होंने इतने ही मुकाबलों की 426 पारियों में 615 सफलता प्राप्त की है.
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