Vaibhav Suryavanshi creates history: भारतीय क्रिकेट की युवा सनसनी और भविष्य के बड़े स्टार बनने के पहले ही संकेत दे चुके 14 साल के लेफ्टी बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) ने शनिवार को बड़ा कारनामा करते हुए अंडर-19 अंतराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट इतिहास का सबसे तेज शतक जड़ दिया. वैभव ने वॉर्सेस्टशायर में इंग्लैंड-19 टीम के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज के तीसरे वनडे मुकाबले में सिर्फ 52 गेंदों पर 10 चौकों और 7 छक्कों से शत बनाया. मतलब शतक में से 81 रन वैभव ने चौकों और छक्कों से ही जड़ डाले. वैभव से पहला रिकॉर्ड पाकिस्तान के कामरान गुलाम के नाम पर था, जिन्होंने 53 गेंदों पर शतक बनाया था. कुल मिलाकर वैभव 78 गेंदों पर 13 चौकों और 10 छक्कों से 143 रन बनाकर आउट हुए.
शुरुआत से ही मचाए हुए हैं धमाल
इस शतकीय पारी से पहले खेले गए तीन मैचों में भी वैभव के बल्ले ने इंग्लिश बॉलरों की जमकर धुनाई की थी. अंतर वह बस यही था कि वह तेज-तर्रार पारी को शतक में तब्दील नहीं कर पा रहे थे. और इसकी कसर उन्होंने शनिवार को चौथे मैच में पूरी कर दी. शुरुआती 3 मैचों में वैभव ने 19 गेंदों पर 48, 34 गेंदों पर 45 और तीसरन वडे में 31 गेंदों पर 86 रन बनाए थे. तीसरे मैच में मिली लय को वैभव ने आगे बढ़ाते हुए इस बार समापन शतक के साथ किया और आउट होने से पहले इस तूफानी बल्लेबाज ने 143 रन का पारी खेली.
पिछले साल जूनियर टेस्ट में भी बनाया था रिकॉर्ड और...
पिछले साल ही वैभव ने चेन्नई में अंडर-19 टेस्ट क्रिकेट में भी दूसरा सबसे तेज शतक जड़ा था. तब उन्होंने सौ का आंकड़ा सिर्फ 56 गेंदों पर हासिल किया था. उनसे पहले यह कारनामा इंग्लैंड के मोईन अली के नाम पर था. मोईन ने साल 2005 में 56 ही गेंदों पर शतक बनाया था. इस प्रदर्शन से सुर्खियों में आए वैभव को जब राजस्थान रॉयल्स ने खुद से जोड़ा, तो वह इस साल सीजन में छवि पर पूरी तरह खरे उतरे. और जब वैभव ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ जयपुर में 35 गेंदों पर टूर्नामेंट के इतिहास का सबसे तेज शतक जड़ा, तो वह देखते ही देखते पूरे क्रिकेट जगत के लिए आकर्षण और जिज्ञासा का विषय बन गए.