"अंडर-19 टीम की फिटनेस इस टीम से बेहतर थी", विश्व कप से विदायी के बाद पूर्व कप्तान महिला टीम पर जमकर बरसीं

टी20 वीमेंस विश्व कप में भारत के सेमीफाइनल में बाहर होने के बाद डायना एडुल्जी ने टीम के बहुत ही सख्त शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बीसीसीआई से कई बातों को दुरुस्त करने की मांग की है

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नई दिल्ली:

भारतीय महिला टीम के जारी टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में वीरवार को इग्लैंड के हाथों हारकर बाहर होने के बाद भारत की पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी जमकर टीम पर बरसी हैं. उन्होंने टीम को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पिछले दिनों अंडर-19 विश्व कप जीतने वाली टीम की फील्डिंग इस टीम से अच्छी थी.  और सीनियर टीम की ज्यादातर सदस्य फिटनेस का यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाएंगी. एडुल्जी कुछ साल पहले बीसीसीआई को चलाने वाली सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित क्रिकेट प्रशासकीय कमेटी (CAC) की भी सदस्य थीं. डायना भारत के लिए 20 टेस्ट और 34 वनडे खेल चुकी हैं. साथ ही, वह बीसीसीआई की कई कमेटियों का भी हिस्सा रह चुकी हैं.

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एडुल्जी ने कहा कि टीम के इस खराब प्रदर्शन के लिए फिटनेस का खराब स्तर, साधारण फील्डिंग और विकेटों के बीच दौड़ जिम्मेदार है. साथ ही, एडुल्जी ने सेमीफाइनल जैसे अहम मुकाबले में बहुत ही कैचुअल तरीके से रन आउट होकर वापस लौटने वाली कप्तान हरमनप्रीत कौर पर भी सवाल उठाया. वहीं, पूर्व कप्तान अब यह भी चाहती हैं अब जबकि अगला टी20 विश्व कप अगले साल सितम्बर में है, तो ऐसे में बीसीसीआई को टीम के टीम के साथ एनसीए के अस्थायी कोचों को जोड़ने के बजाय पूर्णकालिक स्टॉफ की नियुक्ति की जरूरत है. 

एडुल्जी ने टीम की फिटनेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले दिनों अंडर-19 विश्व कप में खेलने वाली टीम फिटनेस के मामले में सीनियर खिलाड़ियों से बेहतर दिखी. उन्होंने कहा कि अंडर-19 के खिलाड़ी फाइनल में दबाव में टूटे नहीं, लेकिन यहां सीनियर टीम की कहानी साल 2017 से लेकर 23 तक समान रही है.  बोर्ड को सही तरीके से खिलाड़ियों की फिटनेस का आंकलन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैं जानती हूं कि यो-यो टेस्ट महिलाओ के लिए एक मुश्किल बात है. टीम की 15 में से 12 खिलाड़ी इसमे फेल हो जाएंगी, लेकिन आप इसे लेकर अलग स्वीकार्य मानक अपना सकते हैं.  इस पहलू को लेकर कोई जवाबदेही नजर नहीं आती. 

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एडुल्जी ने कहा कि विश्व कप में हार के बाद निश्चित तौर पर टीम की योजना और तैयारी को लेकर बड़ा बदलाव होना चाहिए. खिलाड़ियों की फिटनेस, फील्डिंग, कैचिंग और विकेटों के बीच दौड़ में बहुत ही  सुधार की जरूरत है. जब तक आपकी टांगों में दम नहीं होगा, आप नहीं ही दौड़ पाएंगी. पूर्व कप्तान बोलीं कि टॉप पर पहुंचने के लिए बीसीसीआई को पूरी तरह डंडा करने की जरूरत है. अब टीम को बोर्ड से हर सुविधा मिल रही है. पुरुष खिलाड़ियों के बराबर वेतन मिल रहा है.  उन्होंने कहा कि हर बार आप एक जीता हुआ मैच हार जाती हैं. यह एक आदत सी बन गया है. अब समय आ गया है कि बीसीसीआई एक कड़ा फैसला ले. भविष्य के लिए ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है क्योंकि इस तरह से बात नहीं बनने जा रही है. 
 

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