दक्षिण अफ्रीका में खेले जा रहे अंडर-19 विश्व कप के तहत शुक्रवार को सुपर-6 राउंड के मुकाबले में भारतीय टीम ने नेपाल को 132 रन के अंतर से धोकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है. भारतीय जूनियरों से जीत के लिए मिले 298 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए नेपाल की टीम कभी भी मुकाबले में दिखाई ही नहीं पड़ी. और यह स्वाभाविक रूप से समझा भी जा सकता है कि जहां भारत एक टेस्ट प्लेइंग देश है, तो वहीं नेपाल अभी क्रिकेट का शिशु है है. नेपाल के ओपनरों ने जरूर हिम्मत करते हुए पहले विकेट के लिए 48 रन जोड़, लकेिन एक बार विकेट गिरा, तो फिर विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हो गया.
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उसके लिए ओपनरों दीपक बोहरा (22) और अर्जुन कुणल (26) ने ओपनिंग साझेदारी की, तो नंबर चार पर कप्तान देव खनाल (33) ने सबसे ज्यादा रन बनाकर अपने कर्तव्य का निर्वाह किया, लेकिन यहां से तो हालात आयाराम-गयाराम ही रहे. कप्तान के आउट होने के बाद पांच बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सके, आखिरी जोड़ी ने हिम्मत दिखाई. आकाश चंद (19) और दुर्गेश गुप्ता (29) के प्रयासों से नेपाल कोटे के 50 ओवरों में 9 विकेट खोकर 165 रन बनाने में सफल रहा. भारत के लिए सौम्य पांडे ने 4, तो अर्शीन कुलकर्णी ने दो विकेट लिए.
इससे पहले भारतीय बल्लेबाजों ने अनुभवहीन नेपाली गेंदबाजों को क्रिकेट का पाठ बखूबी पढ़ाया. हालांकि, उसके तीन बल्लेबाज आदर्श सिंह (21), अर्शीन कुलकर्णी (18) और प्रियांशू पोलिया (19) सिर्फ 62 रन बनने तक ही पवेलियन लौट गए थे. लेकिन यहां से कप्तान उदय सहारन (100) और सचिन धास (116) के शतकों ने शुरुआती लड़खड़ाहट को तो दूर किया ही, साथ ही मिले रन बनाने के मौके को भी दोनों हाथों से भुनाया.
इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए 215 रन की साझेदारी करते हुए नेपाल के गेंदबाजों को पूरी तरह से बेदम कर दिया. स्लॉग ओपनरों में इन्होंने जमकर धुनाई की. और टीम के स्कोर को कोटे के 50 ओवरों में 5 विकेट पर 297 रनों तक पहुंचा दिया. नेपाल के लिए गुलशन झान ने 3 विकेट लिए.