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Thomas Cup: भारतीय टीम की जीत से गदगद हुए सुनील गावस्कर, याद दिलाई 1983 वर्ल्ड कप की जीत

थॉमस कप में भारतीय टीम की जीत से देश के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर काफी खुश हैं. उन्होंने इस जीत को 1983 वर्ल्ड कप की सफलता के साथ तुलना किया है.

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पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर
मुंबई:

रविवार का दिन भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम के लिए ऐतिहासिक दिन रहा. भारतीय टीम ने पहली बार थॉमस कप में 14 बार की चैंपियन इंडोनेशियाई टीम को शिकस्त देते हुए गोल्ड मेडल पर अपना कब्जा जमाया. टूर्नामेंट के दौरान भारतीय  टीम के सभी खिलाड़ी एक अलग ही अंदाज में नजर आए. टीम इंडिया के खिताब जीतते ही खिलाड़ियों को बधाई देने का तांता लग गया है. इसी कड़ी में देश के 72 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने भी थॉमस कप जीतने वाले खिलाड़ियों को बधाई दी है. 

भारतीय क्रिकेटर ने कहा यह जीत भारतीय बैडमिंटन के लिए 1983 वर्ल्ड कप की सफलता की तरह साबित हो सकती है. अनुभवहीन भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 1983 में अनुभवी टीमों के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए वर्ल्ड कप के खिताब को पहली बार अपने नाम किया था. इसके पश्चात् से इस खेल के चाहने वालों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई. 

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उन्होंने बिते कल लखनऊ सुपर जायंट्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच जारी मुकाबले में कमेंट्री के दौरान स्टार स्पोर्ट्स पर पर बातचीत करते हुए कहा, 'साइमंड्स के निधन की खबर से आज के दिन की शुरुआत खराब रही, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ा अच्छी खबर सामने आनी शुरू हुई. भारतीय टीम ने थॉमस कप अपने नाम किया. बैडमिंटन में यह विश्व खिताब जैसा है.'

उन्होंने आगे कहा, 'खिलाड़ियों ने फाइनल मुकाबले में इंडोनेशिया को हराया जो 14 बार यह खिताब अपने नाम कर चुकी है. इंडोनेशियाई टीम डिफेंडिंग चैंपियन थी. टीम इंडिया ने उन्हें शिकस्त दी है. मैं आपको बताता हूं. मुझे बैडमिंटन से बेहद लगाव है. अगर आप मुझे क्रिकेट और बैडमिंटन में से किसी एक खेल को देखने के लिए कहेंगे तो मैं बैडमिंटन का चुनाव करूंगा.'

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उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है यह बहुत ही कठिन और टफ गेम है. आपको बहुत स्टैमिना की जरूरत होती है. आपको पूर्वानुमान, सजगता सबकी जरूरत होती है. मैं थोड़ा बहुत बैडमिंटन में हाथ आजमा लेता हूं.' उन्होंने कहा, 'बैडमिंटन के लिए आज का दिन बेहद ही शानदार है. मुझे लगता है यह पल बैडमिंटन के लिए 1983 वर्ल्ड कप जैसा पल हो सकता है, क्योंकि 1983 में किसी ने भी हमसे वर्ल्ड कप जीतने की उम्मीद नहीं रखी थी.'

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उन्होंने आगे कहा, 'मैं ऐसा नहीं बोल रहा हूं कि भारत के जीतने की उम्मीद किसी को नहीं थी. भारत ने पिछले दो वर्षों में एक शानदार बैडमिंटन टीम को तैयार किया है. फाइनल मुकाबले में टीम की भिड़ंत 14 बार की विजेता इंडोनेशियाई टीम से थी, इसलिए यहां थोड़ा संदेह था. मैं टीम के इस प्रदर्शन से बेहद खुश हूं.'

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