"यह मेरे पिता के लिए था और..", ध्रुव जुरेल ने किया खास तैयारी का खुलासा

Dhruv Jurel: टी-20 में क्या योजना है के सवाल पर जुरेल ने हंसते हुए कहा कि मेरा डेब्यू टेस्ट में हुआ है, टी20 में नहीं. बैटिंग में खुद की स्वाभाविक शैली में बदलाव की बात पर इस युवा विकेटकीपर ने कहा कि नैसर्गिक रूप से कोई आक्रामक नहीं होता है.

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नई दिल्ली:

Dhruv Jurel: ध्रुव ने सीरीज में दबाव के सवाल पर कहा कि दबाव तो रहता ही है,लेकिन जब मैं बैटिंग करने गया, तो मेरे जहन में यही चल रहा था कि टीम की जरुरत क्या है. मैं जितना पिच पर टिका रहूंगा, मेरे और टीम के लिए यह उतना ही बेहतर होगा. तीसरे दिन अपनी बैटिंग और शतक से चूकने को कैसे देखते हैं, पर इस विकेटकीपर ने कहा कि सच बताऊं तो मुझे बिल्कुल भी अफसोस नहीं है शतक से चूकने का. यह मेरी पहली सीरीज है और मेरे भीतर यही कुलबुलाहट है कि मैं ट्ऱॉफी उठाऊं क्योंकि टेस्ट क्रिकेट खेलना मेरा बचपन से ही बड़ा सपना था. 

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दिग्गज सुनील गावस्कर के अगले धोनी के बयान की बात पर ध्रुव बोले कि सनी गावस्कर जैसे दिग्गज मेरे लिए  बोल रहे हैं, तो निश्चित तौर पर अच्छा लगना स्वाभाविक सी बात है. तीसरे दिन की रणनीति क्या थी, पर जुरेल ने कहा कि कोई खास रणनीति नहीं थी. बात यह थी कि आत्मविश्वास दिखाना जरूरी है. मुझे मेजबानों को बताना था कि मैं बल्लेबाजी कर सकता हूं. मेरी पूरी कोशिश इसी बात की थी और अच्छी बात यह रही कि यह कारगर रहा. 

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टी-20 में क्या योजना है के सवाल पर जुरेल ने हंसते हुए कहा कि मेरा डेब्यू टेस्ट में हुआ है, टी20 में नहीं. बैटिंग में खुद की स्वाभाविक शैली में बदलाव की बात पर इस युवा विकेटकीपर ने कहा कि नैसर्गिक रूप से कोई आक्रामक नहीं होता है. आईपीएल में मैं डिमांड के हिसाब से बैटिंग करता हूं. वहां मैं डिफेंस नहीं कर सकता. रांची में टीम को जरुरत थी कि मैं टिककर बल्लेबाजी करूं. एक लंबी पारी खेलूं. और ऐसा आक्रामक अंदाज में तो नहीं हो  सकता. मैं जितना भी पिच पर समय गुजार सकता था, मैंने गुजारा.

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सीरीज से पहले खास तैयारी के सवाल पर ध्रुव बोले कि कड़ा परिश्रम एक अलग बात है, लेकिन मैं विजुलाइजेशन (कल्पना करना) का बहुत बड़ा समर्थक हूं. मैं किसी भी सीरीज से दो महीने पहले ही तैयारी करना शुरू कर देता हूं कि गेंदबाज कैसे गेंदबाजी करेंगे. इस पूरे परिदृश्य को आधार बनाकर मैं तैयारी करता हूं. आपने क्या खास विजुलाइज किया, पर उन्होंने कहा कि मैंने एंडरसन सहित बाकी इंग्लिश गेंदबाजों के वीडियो देखे. मैंने अध्ययन किया कि वे किस एरिया में गेंदबाजी करते हैं और मैं उन्हें कहां अटैक कर सकता हूं. वहीं, अर्द्धशतक पूरा करने के बाद सेल्यूट के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मेरे पापा के लिए था. मेरे पापा ने कारगिल युद्ध में हिस्सा लिया था. यह सेल्यूट उनके लिए था. शनिवार शाम को उनसे बात हुई थी, तो वह अप्रत्यक्ष रूप से बोले थे कि बेटा एक बार सेल्यूट तो दिखा दे क्योंकि मैं बचपन से ही ऐसा करता आ रहा हूं. 

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