रणजी ट्रॉफी के क्वार्टरफाइनल की टीमों की तस्वीर साफ हो चुकी है. और इस रणजी सीजन में भी मानो मुंबई के सर्फराज खान ने वहीं से शुरुआत की, जहां उन्होंने साल 2019-20 में छोड़ा था. पिछले दिनों पूर्व दिग्गज दिलीप वेंगसरकर ने चयनकर्ताओं पर उंगली उठायी ही थी, तो अब सर्फराज खान के प्रदर्शन ने राष्ट्रीय चयन समिति पर और दबाव लाद दिया है. और यह दबाव वक्त के साथ बढ़ेगा ही बढ़ेगा. वजह यह है कि इस सीजन में खेले सिर्फ तीन ही मैचों में सफराज ने 137.75 के औसत से 551 रन बना दिए हैं. बेस्ट स्कोर रहा है 275 रन. तीन मैचों में दो शतक और एक पचासा.
सर्फराज का यह प्रदर्शन बताने के लिए काफी है कि वह बातों से बेपरवाह अपनी ही "धुन और मस्ती" में आगे चल रहे हैं. उनका बल्ला आग उगल रहा है और देर-सबेर यह सेलेक्टरों की सोच को भी बदल ही देगा.
यह भी पढ़ें: फैंस को नहीं भाया गावस्कर का वॉर्न पर दिया बयान, सोशल मीडिया पर सनी पर भड़के
पिछले रणजी सेशन में भी किया कमाल
साल 2019-20 के सत्र में सर्फराज ने छह मैचों की 9 पारियों में बल्लेबाजी की थी और इन पारियों में सर्फराज एक ही सीजन में तीन दोहरे शतक का रिकॉर्ड बनाने से 23 रन से चूक गए थे. तब वह मध्य प्रदेश के खिलाफ 177 रन की पारी खेलकर आउट हो गए थे. और सीजन में उन्होंने 9 पारियों में 154.66 के औसत से 928 रन बनाए थे. यह रणजी इतिहास में किसी भी सत्र में किसी भी बल्लेबाज का तीसरा सबसे बड़ा औसत था.
यह भी पढ़ें: कप्तान रोहित ने रविचंद्रन अश्विन को लेकर दिया यह बड़ा बयान
...लेकिन मिला बेस प्राइस ही
जहां कई खिलाड़ियों पर पिछले दिनों नीलामी में करोड़ों रुपये बरसे, तो हैरानी की बात यह रही कि पिछले सेशन में बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद सर्फराज किसी तरह बिकने में सफल हो पाए. शायद ऐसा हो सकता है कि इसकी बड़ी वजह यह हो कि उनका प्रदर्शन चारदिनी फौरमेट में आया है. सर्फराज का बेस प्राइस बीस लाख रुपये था और दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें इतनी ही रकम पर अपने साथ जोड़ा, जो दिल्ली के लिए बहुत ही बढ़िया, लेकिन इस युवा बल्लेबाज के लिए घाटे का सौदा रहा.
VIFEO: रो-HITMAN ने उत्तराधिकारी भी चुन लिया!