आईपीएल ऑक्शन (IPL Auction) को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 15वें चरण के लिये भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की यह अंतिम नीलामी होगी क्योंकि वह इसे खत्म करने की योजना बना रहा है क्योंकि ज्यादातर फ्रेंचाइजी अपने स्थायी संयोजन में छेड़छाड़ नहीं करना चाहती. शनिवार को होने वाली नीलामी में एक ऐसा भी नियम आया है जो फ्रंचाइजी मालिकों की धड़कनों को बहुत तेज कर सकता है. पहले दिन 161 खिलाड़ियों पर बोली लगेगी जबकि दूसरे दिन ‘बचे हुए खिलाड़ियों को चुनने' की ‘त्वरित प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
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इस बार ऑक्शन में राइट टू कार्ड का ऑप्शन तो नहीं होगा लेकिन एक और नियम इस बार लाया गया है जो किसी भी फ्रंचाइजी मालिक की धड़कने बढ़ाने के लिए काफी हैं. कुछ देर के इस खेल में करोड़ों रूपये इधर उधर होने के पूरे चांस हैं. ये नियम हैं साइलेंट टाई-ब्रेकर, इस नियम के तहत जब दो टीमें ‘टाई' होंगी और खिलाड़ी की बोली के लिये अपनी सारी राशि लगा देंगी, तो वे अंतिम ‘बंद' बोली राशि जमा कर सकती हैं और जिसकी बोली ज्यादा होगी, उसे खिलाड़ी मिल जायेगा. बोली की अतिरिक्त राशि बीसीसीआई (BCCI) के पास जमा की जायेगी और वह 90 करोड़ की राशि का हिस्सा नहीं होगी. यह प्रक्रिया दोहरायी जा सकती है, जब तक एक टीम खिलाड़ी हासिल नहीं कर लेती.
इसका मतलब ये हुआ कि अगर कोई टीम अगर किसी खिलाड़ी को बहुत महत्वपूर्ण मानकर खरीदने का मन बना ले लेकिन पर्स में पैसे कम बचे हो तो वे 90 करोड़ से भी आगे की बोली लगा सकते हैं लेकिन वे इसका खुलासा उस समय नहीं कर पाएंगे, एक तरह से छिपाकर दोनों टीमें अपनी अपनी बोली लगाएगी, जो ज्यादा पैसा देगा खिलाड़ी उसी टीम के पास चला जाएगा. 90 करोड़ से उपर जितनी भी राशि होगी वह बीसीसीआई के पास जमा करवाई जाएगी.
आपको बता दें कि नीलामी बेंगलुरू के आईटीसी गार्डेनिया होटल में आयोजित की जा रही है. ऑक्शन शुरू होने का समय दोपहर 12 बजे रहेगा. सभी टीमों के पास कुल 90 करोड़ की राशि थी जिसमें से उन्होंने कुछ खिलाड़ी रिटेन कर लिए हैं. एक टीम में कम से कम 18 खिलाड़ी होने चाहिए और ज्यादा से ज्यादा 25 खिलाड़ी रख सकते हैं. नीलामी में 229 कैप्ड (अंतरराष्ट्रीय), 354 अनकैप्ड (घरेलू), सात आईसीसी एसोसिएट देशों से शामिल होंगे.
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