ऐसे शुरू हुई वेस्टइंडीज़ क्रिकेट के पतन की कहानी, पूर्व दिग्गज ने इन वजहों को ठहराया ज़िम्मेदार

वेस्टइंडीज़ के पूर्व दिग्गज बिशप का मानना है कि वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों की मौजूदा पीढ़ी पर उंगली उठाना गलत होगा क्योंकि पतन की शुरुआत काफी पहले हो गई थी.

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ऐसे शुरू हुई वेस्टइंडीज़ क्रिकेट के पतन की कहानी
नई दिल्ली:

Ian Bishop On West Indies Cricket: वेस्टइंडीज क्रिकेट के ‘निरंतर पतन' ने इयान बिशप को अतीत की उन बड़ी कहानियों की याद दिलाई जो समय के साथ बदलाव नहीं ला पाईं और अपने पुराने गौरव को दोबारा कभी हासिल नहीं कर पाईं.दो बार के पूर्व चैंपियन वेस्टइंडीज के स्कॉटलैंड के खिलाफ विश्व कप क्वालीफायर में शिकस्त के साथ 48 साल में पहली बार विश्व कप में जगह बनाने से चूकने पर यह पूर्व तेज गेंदबाज किसी अन्य कैरेबियाई क्रिकेट प्रेमी के जितना ही निराश है.

बिशप का मानना है कि वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों की मौजूदा पीढ़ी पर उंगली उठाना गलत होगा क्योंकि पतन की शुरुआत काफी पहले हो गई थी. बिशप ने ‘ईएसपीएन क्रिकइंफो' से कहा, ‘‘हां, यह निरंतर पतन रहा है. मैं हमेशा से कहता आया हूं कि यह मौजूदा खिलाड़ियों के समय से पहले ही बात है. हमने संभवत: एक दशक से शीर्ष देशों के खिलाफ लगातार अच्छा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला है. दो बार चैंपियन रहने के बाद टी20 टीम के प्रदर्शन में भी गिरावट आई.''

वेस्टइंडीज के लिए 161 टेस्ट और 118 एकदिवसीय विकेट चटकाने वाले बिशप का मानना है कि कोई ‘विजन' नहीं होना इस स्थिति में पहुंचने के सबसे बड़े कारणों में से एक है. बिशप ने कहा, ‘‘जैसे एक समय कुछ बड़ी कंपनियां शीर्ष पर थी लेकिन इसके बाद मुझे लगता है कि शायद विजन नहीं होने या इसे आप जो भी कहो उसके कारण वे व्यवसाय से बाहर हो गईं. (दो बार के विश्व चैंपियन) वेस्टइंडीज के साथ भी ऐसा ही हुआ जिन्होंने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को लोकप्रिय बनाया.''

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बिशप ने स्पष्ट किया कि अगर वेस्टइंडीज की टीम शीर्ष स्तर पर वापसी करने में सफल भी रहती है तो उसका दबदबा वैसा नहीं होगा जैसा चार या तीन दशक पहले हुआ करता था और इसका कारण सिर्फ क्रिकेट से नहीं जुड़ा है. उन्होंने कहा, ‘‘हम कभी उस तरह का दबदबा नहीं बना पाएंगे जैसा 1980 के दशक में और 1990 के दशक के पहले हाफ में बनाया. मुझे लगता है कि दुनिया भर की अन्य टीमें काफी अच्छी हैं. कैरेबियाई देशों में हमारे सामने गंभीर आर्थिक चुनौतियां हैं जिसे दुनिया भर के अधिकारियों को देखना है.''

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इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘‘लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पास अगली बार बेहतर करने का मौका होगा. आप जिंबाब्वे का ही उदाहरण लीजिए, उन्होंने जिन परेशानियों का सामना किया और अब इस टूर्नामेंट में कितना अच्छा प्रदर्शन किया.''

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बिशप ने क्रिकेटरों से व्यावहारिक बनने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह अलग समय है. सर विवियन रिचर्ड्स, गोर्डन ग्रीनिज, डेसमंड हेन्स और क्लाइव लॉयड को जिन चीजों ने प्रेरित किया उनकी तुलना में अब प्रेरणा अलग है और मैं इसे स्वीकार करता हूं.'' बिशप ने कहा, ‘‘अगर यह वित्तीय और आर्थिक रूप से जुड़ा है तो हमें इसे स्वीकार करना होगा और अनुभव देना होगा तथा मंच तैयार करना होगा जिससे खिलाड़ी इसकी ओर आकर्षित हो पाएं.''
 

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