'धोनी को पहले भेजने के पीछे 2 बड़ी वजह थीं', सचिन का साल 2011 विश्व कप को लेकर बड़ा खुलासा

Sachin on Dhoni: कई साल पहले सहवाग ने यह खुलासा कि था कि जो हुआ वह सचिन की सलाह पर हुआ था, लेकिन अब इसके पीछे की वजहों को सचिन ने खुद बताया है

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  • साल 2011 विश्व कप के फाइनल में धोनी को नंबर पांच पर खेलने की सलाह सचिन तेंदुलकर ने दी थी
  • धोनी को ऑफ स्पिनरों के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन के लिए दाएं-बाएं बल्लेबाजी संयोजन के कारण उपर भेजा गया था
  • धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए मुरीधरन के खिलाफ नेट प्रैक्टिस कर के अनुभव हासिल किया था
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Sachin Tendulkar's  big revelaion:  पिछले दशक भर से ज्यादा से नियमित अंतराल पर चर्चा होती रही है कि साल 2011 विश्व कप खेले गए फाइनल मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ नंबर पांच पर युवराज की जगह कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को क्यों प्रोन्नत किया गया था. इसको लेकर खिलाड़ियों के जितने मुंह, उतनी ही  थ्योरियां समय-समय पर सामने आती रही हैं. इन सबके बीच यह तो साफ हो गया था कि ऐसा सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar on Dhoni) की सलाह पर किया गया था. लेकिन इसकी  वजह बमुश्किल ही सामने  आई थी. बहरहाल, अब खुद सचिन ने एक न्यूज एग्रिगेटर (Sachin on Reddit) पर  आयोजित सेशन (#askmeanything)में खुलासा करते हुए इस फैसले के पीछे दो बड़ी वजहों का खुलासा किया. 

दरअसल वीरेंद्र सहवाग सबसे पहले उन खिलाड़ियों में थे, जिन्होंने यह खुलासा किया था कि सचिन की सलाह पर धोनी को  ऊपरी क्रम पर भेजा गया था. सचिन ने सेशन में  इसकी पुष्टि करते हुए कहा, 'इसके पीछे दो वजह थीं. पहला तो यह कि दाएं-बाएं हत्था संयोजन दोनों ऑफ स्पिनरों को हतोत्साहित करता. साथ ही, एक वजह यह थी कि मुरीधरन साल 2008-10 तक चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेल चुके थे. और धोनी ने तीन सीजन में नेट पर उन्हें खेला था.'

बहरहाल, सचिन की सलाह पर लिया गया यह फैसला मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ. धोनी ने भरोसे को एकदम सही साबित करेत हुए नाबाद 91 रन की पारी खेलते हुए भारत को 28 साल बाद विश्व कप दिलाने में एक यादगार पारी खेली. इस दौरान फैंस ने सचिन की पसंदीदा पारी को लेकर भी सवाल किया. 

इस पर सचिन ने कई यादगार पारियां खेलने की बात स्वीकार  करते हुए साल 2008 में चेन्नई में  इंग्लैंड के खिलाफ खेली 103 रन की नाबाद  पारी को सर्वश्रेष्ठ बताया. सचिन की इस पारी से भारत ने चौथी पारी में 387 रन के लक्ष्य का पीछा करेत हुए केविन पीटरसन की कप्तानी वाली इंग्लैंड टीम के खिलाफ 6 विकेट से जीत दर्ज की थी. 

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