'अगर ऐसा है, तो गिल की कप्तानी में कोई समस्या नहीं', दिगग्ज कपिल ने की आलोचकों से अपील

Eng vs Ind: मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड की पहली पारी के बाद आलोचकों ने कप्तानी को लेकर गिल को चौतफरा घेर लिया है, लेकिन कपिल देव की सोच अलग है

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Kapidl Dev on Gill:
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  • मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड के छह सौ से अधिक रन बनाने पर शुभमन गिल की कप्तानी की आलोचना हुई है
  • कपिल देव ने कहा कि गिल के लिए यह टेस्ट श्रृंखला सीखने और परिपक्व होने का महत्वपूर्ण अनुभव साबित होगी
  • उन्होंने आलोचकों से गिल को समय देने और उनकी गलतियों से सीखने की प्रक्रिया को समझने का आग्रह किया
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नयी दिल्ली:

Kapil Dev on Gill captaincy: मैनचेस्टर टेस्ट में पहली पारी में इंग्लैंड के छह सौ से पार स्कोर बनाने के बाद तमाम दिग्गजों ने शुभमन गिल की कप्तानी पर उंगली उठाई है. दो राय नहीं कि भारतीय कप्तान ने मैदान पर कई ऐसे फैसले लिए या नहीं लिए, जो  किसी की समझ में नहीं आए. लेकिन आलोचकों के उलट महान कपिल देव (Kapil Dev on Gill) ने शनिवार को कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ (Eng vs Ind) मौजूदा टेस्ट श्रृंखला युवा भारतीय कप्तान शुभमन गिल (Shubman Gill) के लिए एक सीखने का शानदार अनुभव होगा और उन्होंने आलोचकों से उन्हें नेतृत्व के मामले में परिपक्व होने के लिए कुछ समय देने का आग्रह किया. गिल को पांच मैचों की इस श्रृंखला से पहले टीम का कप्तान बनाया गया था और उन्होंने बर्मिंघम में टीम को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई, लेकिन भारत श्रृंखला में 1-2 से पीछे है और मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट में टीम मुश्किल में दिख रही है.

 कपिल देव ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘उसे समय दो. यह उसकी पहली श्रृंखला है. वह गलतियां करेगा और समय के साथ कई सकारात्मक बातें भी होंगी, वह सीखेगा. वह अगर सीख रहा है तो कोई समस्या नहीं है. वह अपनी गलतियों से सीख रहा है, यह बहुत महत्वपूर्ण है.' उन्होंने कहा, 'यह एक युवा टीम है, इन्हें खेलने का मौका मिल रहा है और आने वाले दिनों में ये खिलाड़ी जीतेंगे. यह बस एक नयी टीम है. दुनिया में किसी भी नई टीम को सामंजस्य बिठाने में समय लगता है. गिल एक नए कप्तान हैं, और वे बहुत कुछ सीखेंगे और मुझे लगता है कि यह श्रृंखला सीखने का एक कदम होगी.' वहीं, कपिल देव तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के तीन मैचों में खेलने के फैसले का समर्थन किया. बुमराह ने चोट से बचने के लिए पांच मैचों की इस श्रृंखला के केवल तीन टेस्ट खेलने का विकल्प चुना था.

भारत को 1983 में विश्व चैंपियन बनाने वाले कप्तान ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हर कोई अलग है. समय बदल गया है. सब का शरीर अलग हैं. वे अलग तरह से काम कर रहे हैं. सब को एक तराजू में तोलना सही नहीं है.  वह हमारे पास मौजूद तेज गेंदबाजों में से एक है, लेकिन उसका एक्शन काफी अलग है और ऐसे में फिटनेस बनाये रखना मुश्किल है.'

उन्होंने कहा, ‘हमने नहीं सोचा था कि उसका करियर इतना लंबा होगा क्योंकि वह शरीर पर बहुत अधिक जोर डालता है. इसके बावजूद भी वह भारतीय टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है. यह शानदार है.' इस टेस्ट में पदार्पण कर रहे अंशुल कंबोज के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि किसी खिलाड़ी से पहले ही मैच में प्रदर्शन में चमत्कार की उम्मीद करना अनुचित है.

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