- टीम इंडिया ने अगले साल के टी20 विश्व कप की तैयारी में खिलाड़ियों के लिए नया ब्रोंको टेस्ट शामिल किया
- ब्रोंको टेस्ट में बिना ब्रेक के छह मिनट में 20, 40 और 60 मीटर की तीन-तीन शटल दौड़ पूरी करनी होती है
- इस टेस्ट के जरिए खिलाड़ियों की स्टेमिना, स्पीड और कंडीशनिंग का सटीक आंकलन किया जाता है
अब जबकि टीम इंडिया अगले साल खेले जाने वाले टी20 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए खिलाड़ियों के फिटनेस टेस्ट में नया ब्रोंको टेस्ट भी जोड़ा गया है. जानकारी के अनुसार यह टेस्ट पहले से ही बरकरार यो-यो टेस्ट और दो किमी रेस टाइम ट्रायल से अलग होगा. ब्रोंको की खबर आने के बाद से ही यह टेस्ट पूर्व खिलाड़ियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. और मनोज तिवारी ने तो यहां तक कह दिया है कि यह टेस्ट रोहित शर्मा Rohit Sharma) और उन जैसे खिलाड़ियों को साल 2027 विश्व कप प्लानिंग से बाहर रखने के लिए शुरू किया है. वही, फैंस के बीच भी इस टेस्ट को लेकर खासी जिज्ञासा बनी हुई है. चलिए आप डिटेल से जानिए कि ये ब्रोंको टेस्ट क्या है और खिलाड़ियों की फिटनेस का आंकलन करने के लिए इसका कैसे इस्तेमाल किया जाता है.
ऐसे काम करता है ब्रोंको टेस्ट?
ब्रोंको टेस्ट में 20, 40 और 60 मीटर की शटल रनिंग करनी होती है. एक सेट में तीन दौड़ शामिल हैं. और खिलाड़ियों पांच लगातार सेट छह मिनट के भीतर करने होते हैं. मतलब यह है कि खिलाड़ियों को बिना किसी ब्रेक के 1200 मीटर दौड़ना होता है. और इसके जरिए स्टेमिना, स्पीड और कंडीशनिंग का आंकलन किया जाता है.
इसलिए फायदेमंद है ब्रोंको
वैसे जहां पूर्व बल्लेबाज मनोज तिवारी यहां तक कह गए कि ब्रोंको टेस्ट रोहित शर्मा और उनके जैसे (फिटनेस स्तर) को विश्व कप 2027 प्लान से बाहर रखने के लिए लाया गय है, लेकिन टीम इंडिाय से जुड़े रहे रामजी श्रीनिवासन ने इस फैसले को शानदार करार दिया है. उन्होंने कहा, यह एक ऐसा टेस्ट है, जो किसी भी समय और कहीं भी आयोजित किया जा सकता है. यह पूरी तरह से उचित है, जो शानदार बात है और पूरे विश्व में प्रचलित है. तमाम लोग यो-यो से इस टेस्ट पर आ गए हैं और इसके परिणाम बहुत ही वास्तविक दिखते हैं.