मुंबई टेस्ट (IND vs NZ Mumbai Test) मैच में एजाज पटेल (Ajaz Patel) ने एक पारी में सभी 10 विकेट लेकर क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया. एजाज दुनिया के ऐसे तीसरे गेंदबाज बने जिनके नाम अब टेस्ट मैच की एक पारी में सभी 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड दर्ज है. एजाज पटेल से पहले ऐसा कारनामा जिम लेकर और अनिल कुंबले ने किया था. अब परफेक्ट 10 के लिस्ट में पटेल का भी नाम आ गया है. बता दें कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट श्रीलंका के मुरलीधरन ने चटकाए हैं. मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) ने 800 टेस्ट विकेट अपने नाम करने का कमाल किया है. उनकी गेंदबाजी बल्लेबाजो के लिए हमेशा मिस्ट्री रही. उनके खिलाफ बल्लेबाजी करना किसी भी बल्लेबाज के लिए पहाड़ तोड़ने के समान होता था. भले ही मुरलीधरन टेस्ट क्रिकेट के सबसे महान गेंदबाज माने गए लेकिन उनके करियर में एक ऐसा मलाम रहा जो वह कभी नहीं भूल पाएंगे. बता दें कि जिस तरह से जिम लेकर, कुंबले और एजाज ने पारी में 10 विकेट लेने का कमाल किया, वैसे ही कमाल मुरलीधरन भी करने के दहलीज पर अपने करियर में पहुंचे थे लेकिन उनकी किस्मत उनसे खफा रह गई और पूरे 10 विकेट लेने से चूक गए थे.
पूर्व भारतीय क्रिकेटर की भविष्यवाणी, यह गेंदबाज तोड़ सकता है मुरलीधरन का विश्व रिकॉर्ड
साल 2002 में टूटा था सपना ( 5 जनवरी 2002)
साल 2002 में कैंडी में खेले गए जिम्बाब्वे के खिलाप टेस्ट मैच के दौरान मुरलीधरन एक पारी में पूरे 10 विकेट लेने के कगार पर पहुंच गए थे लेकिन जिम्बाब्वे बल्लेबाज की ईमानदारी ने उनका यह सपना तोड़ दिया था. दरअसल जिम्बाब्वे के पहली पारी के दौरान मुरलीधरन ने कहर बरपाया था और पूरे 9 विकेट ले लिए थे. आखिरी विकेट के तौर पर जिम्बाब्वे के बल्लेबाज हेनरी ओलोंगा और ट्रैविस फ्रेंड क्रीज पर मौजूद थे. हर तरफ एक ही चर्चा हो रही थी कि मुरलीधरन यह विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे. लेकिन कहते हैं कि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.
अर्नोल्ड ने छोड़ दिया कैच
किस्मत जब आपके साथ न हो तो आप चाहे कुछ भी कर लें लेकिन आप बड़ा काम करने से रह जाते हैं. टेस्ट मैच के दौरान एक बार तो मुरलीधरन 10 विकेट लेने के इतने करीब आ गए थे कि फैन्स ने इसका जश्न भी मनाना शुरू कर दिया था. दरअसल रसेल अर्नोल्ड ने एक सिंपल कैच ट्रैविस फ्रेंड का छोड़ दिया था. यदि यह कैच अर्नोल्ड ले लेते तो मुरलीधरन का नाम भी इस ऐतिहासिक लिस्ट में शामिल हो सकता था. लेकिन इसी ओवर में पांचवीं गेंद पर अंपायर एस वेंकटराघवन ने एलबीडब्ल्यू की अपील को ठुकरा दी थी, जो एक निश्चित विकेट की तरह लग रही थी. इस ओवर के बाद चमिंडा वास गेंदबाजी के लिए आए.
हेनरी ओलोंगा की ईमानदारी और टूट गया मुरलीधरन का सपना
अपने दोस्त को 10 विकेट दिलाने की कोशिश में चमिंडा वास अपनी गेंदबाजी के दौरान गेंद को बल्लेबाज से दूर रख रहे थे लेकिन 97वें ओवर की आखिरी गेंद पर जो बाहर जा रही थी उसपर बल्लेबाज हेनरी ओलोंगा ने बल्ला अड़ा दिया और गेंद बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर कुमार संगाकारा के पास चली गई. जब यह कैच हुआ तो गेंदबाज ने आउट की अपील नहीं की लेकिन बल्लेबाज ओलंगा ने अंपायर की ओर देखा और सिर हिलाते हुए नजर आए और पवेलियन की ओर चल पड़े. इस तरह से मुरलीधरन का एक पारी में सभी 10 विकेट लेने का सपना टूट गया. जिम्बाब्वे की पारी के ऑल आउट होने पर सभी श्रीलंकाई खिलाड़ी मुरलीधरन की पीठ ठोककर उन्हें सांत्वना देते दिख रहे थे. वहीं, दुनिया का सर्वेश्रेष्ठ गेंदबाज शांत होकर पवेलियन की ओर जाता हुआ नजर आया था.
टेस्ट करियर में 2 बार एक पारी में लिए 9 विकेट
मुरलीधरन ने अपने टेस्ट करियर में 2 बार एक पारी में 9 विकेट लिए थे. पहली बार मुरलीधरन ने1998 में ओवल टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ एक पारी में 65 रन देकर 9 विकेट लिए थे. इसके बाद दूसरी बार 2002 में जिम्बाब्वे के खिलाफ कैंडी टेस्ट में एक पारी में 55 रन देकर 9 विकेट लिए थे.
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