Sushila Meena Video: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान की हूबहू एक्शन में बॉलिंग करते हुए 12 वर्षीय आदिवासी बालिका सुशीला मीणा का इन दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. बच्ची का वीडियो शुक्रवार को 'क्रिकेट के भगवान' कहे जाने वाले पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी शेयर किया और खूब तारीफ की. सचिन का मानना है कि मीणा की बॉलिंग हूबहू पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान जैसी है. जिसके बाद जहीर खान ने भी बच्ची के गेंदबाजी की सराहना की है.
मीणा के पिता अहमदाबाद में करते हैं मजदूरी
मीणा के पिता का नाम रतनलाल मीणा है, जो अहमदाबाद में मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. सुशीला मीणा के दो भाई हैं. जिसमें एक उनसे बड़ा और एक छोटा है. मीणा मौजूदा समय में 5वीं की छात्रा हैं.
अध्यापक ईश्वरलाल मीणा हैं बच्ची के कोच
सुशीला मीणा को फिलहाल जो कुछ सिखने को मिला है. उसके पीछे कोच ईश्वरलाल मीणा का हाथ है. उन्हीं ने नन्हीं बच्ची को अबतक क्रिकेट ककहरा सिखाया है. ईश्वरलाल मीणा राजकीय विद्यालय में बच्चों को नियमित रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
सुशीला मीणा से पूर्व इसी गांव व स्कूल की छात्रा रहीं रेणुका पारगी के बल्लेबाजी का वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसपर बीजेपी नेता कन्हैया लाल मीणा की नजर पड़ी थी. उसके बाद उन्होंने रेणुका को जयपुर स्थित नैना क्रिकेट क्लब में एंट्री दिलवाई थी.
कई लोग बच्ची से कर चुके हैं वीडियो कॉल पर बात
सचिन तेंदुलकर और जहीर खान की तरफ से सराहना किए जाने के बाद कई लोगों ने सुशीला मीणा से वीडियो कॉल के जरिए बातचीत की है. आज (22 दिसंबर) बीजेपी नेता कन्हैया लाल मीणा नन्हीं बच्ची से मिलने विद्यालय भी पहुंचे. जहां उन्होंने मीणा को नया क्रिकेट किट और कुछ सहयोग राशि भेंट की है. यही नहीं उन्होंने मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और सांसद मन्नालाल रावत के साथ बच्ची की वीडियो कॉल के जरिए बाचतीत भी कराई है. इन नेताओं के अलावा भारत आदिवासी पार्टी से भी कई पदाधिकारी बच्ची से मिलने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सांसद राजकुमार रोत से वीडियो कॉल के जरिए बात कराई.
जर्जर हो चुका है विद्यालय
राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामेरतालाब में आज NDTV की टीम पहुंची तो देखा कि विद्यालय के बरामदे का प्लास्टर गिरा हुआ है और विद्यालय को मरम्मत की काफी आवश्यकता है. धरियावद क्षेत्र में कोई भी खेल का मैदान नही होने की वजह से स्थानीय प्रतिभाओं को पहचान नहीं मिल पा रही है. इस ओर सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है. (ईरफान खान पठान की रिपोर्ट)